WTC Final: धोनी था तो मुमकिन था, अब भूल जाओ आईसीसी ट्रॉफी, रवि शास्त्री ने एक साथ सबको लपेट लिया

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि आईसीसी ट्रॉफी का जीतना आसान नहीं है लेकिन महेंद्र सिंह जब तक टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए यह बिल्कुल ही आसान लगता था। हालांकि उनके बाद कभी भी टीम इंडिया के लिए यह आसान नहीं लगा है।

ओवल: भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी टूर्नामेंट में खिताब जीते हुए एक दशक बीत चुका है। टीम इंडिया आखिरी बार साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी। इसके बाद से भारतीय टीम कई बार आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है लेकिन एक बार भी चैंपियन नहीं बन सकी है। ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री का भी मानना है कि आईसीसी ट्रॉफी को जीतना बिल्कुल भी आसान नहीं है लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में यह बिल्कुल ही आसान लगता है।
रवि शास्त्री ने यह बयान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के मुकाबले के दौरान दिया है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर रवि शास्त्री का यह वायरल हो रहा है। बता दें कि धोनी की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप (2007), वनडे विश्व कप (2011) और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। इसके अलावा धोनी की कप्तानी में ही टीम टेस्ट रैंकिंग में भी नंबर एक हुई।

हालांकि धोनी के बाद से विराट कोहली ने लंबे समय तक टीम इंडिया की कमान संभाली लेकिन आईसीसी ट्रॉफी में टीम इंडिया को कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई। वहीं रोहित शर्मा की कप्तानी में भी भारत को आईसीसी के नॉकआउट मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा है।

लगातार दूसरी बार WTC फाइनल हारी टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट टीम को लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियशिप के फाइनल में हार सामना करना पड़ा है। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टीम को निराशा हाथ लगी। दोनों ही फाइनल में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी खराब रहा।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। हालांकि उनका यह फैसला बिल्कुल भी कारगार नहीं रहा। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड की शतकीय पारी की मदद से 469 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में टीम इंडिया 296 रन ही बना सकी थी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 173 रनों की बढ़त हासिल हुई।

इसके अलावा दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट पर 270 रन बनाकर पारी को घोषित किया जिसके कारण टीम इंडिया को 444 रनों का लक्ष्य मिला लेकिन वह 234 रन के स्कोर पर ही सिमट गई।