बीती 13-14 अगस्त को हुई प्रल्यकारी बारिश ने नगर निगम मंडी के थनेहड़ा व सन्यारड़ी वार्ड के दर्जनों परिवारों को बेघर कर दिया है। भारी बारिश के कारण इन लोगों के घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके चलते अब यह घर एक तरह से खंडहर बनकर रह गए हैं। दर्जनों परिवार अपने सपनों के आशियानों को छोड़कर रेस्ट हाउस व किराए के कमरों में रहने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं, टारना स्थित जल शक्ति विभाग के चीफ इंजीनियर कार्यालय में भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। विभाग ने भवन के अंदर से सारा सामान निकालर इसे खाली कर दिया है। सन्यारडी वार्ड निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि यहां 18 से 20 मकानों में दरारें आ गई हैं। लगातार जमीन धंस रही है, जिससे दरारें और बढ़ रही है। यहां दो से तीन मकान इन दरारों के कारण पूरी तरह से टूट भी गया है। घर को जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। यदि एक बार फिर भारी बारिश होती है तो उनका मकान कभी भी गिर सकता है।
कुछ समय पहले आगजनी की एक घटना में अपनी एक टांग जला चुके सन्यारडी निवासी देशराज ने बताया कि मजदूरी करके घर बनाया था। लगभग 6 महीने पहले एक हादसे में टांग जल गई, जिस कारण अब मजदूरी करना भी मुश्किल हो गया है। इस हालत में न तो घर से कहीं जा सकता हूं और न ही कोई काम-धंधा कर सकता हूं। सारे घर में दरारें आ गई हैं, प्रशासन ने जो राहत राशि दी है उससे कुछ भी होने वाला नहीं है।
वहीं घर में दरारें आने से सहमी इसी वार्ड की लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनके पति और उन्होंने मजूदरी करने के बाद अपना पेट काट-काट मकान बनाया था। लेकिन अब दरारें आने से घर छोड़कर रेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हो गए हैं। जहां घर बनाया है उसे छोड़कर कहीं और जमीन का एक टूकड़ा तक नहीं है। बेटा अभी कमाने लायक नहीं हुआ है और पति की टांग टूटने के बाद वह मजदूरी भी नहीं कर सकते। ऐसे में सरकार से ही मदद का आसरा है।
थनेहड़ा वार्ड निवसी अनिता ने बताया कि 14 अगस्त की सुबह साढ़े 6 बजे के करीब घर के सामने बना रास्ता पहाड़ी सहित धंस गया। अक्तूबर में बेटे की शादी है, और घर में तैयारियां चल रही थी। लेकिन लैंडस्लाड़ होने से उनका घर गिरने की कगार पर पहुंच गया है। घर के साथ 4 और घरों को गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन के आदेशों के बाद सभी परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं और किराए पर कमरे लेकर रहने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं, डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि जो भी लैंडस्लाइड हुआ है उसके प्रभावितों के लिए जो भी बेहतर किया जा सकेगा। उस दिशा में प्रशासन की तरफ से पूरा प्रयास किया जा रहा है। अभी खतरे को टालने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है ताकि और ज्यादा नुकसान न हो। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है।