नेहा दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 3 साल तक ग्रामीण क्षेत्र में काम कीं. इसके बाद वह लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनमिक्स में मास्टर करने चली गईं. इस दौरान उन्होंने सामाजिक संगठनों के साथ काम जारी रखा. दूसरे देशों के किसानों में भी उन्हें भारत जैसी ही समस्या दिखी.
लंदन से लौटने के बाद नेहा ऑर्गेनिक और कैमिकल युक्त खादों पर गहनता से अध्ययन किया. हरित क्रांति के बाद के दौर पर रिसर्च करने पर उन्हें पता चला कि किसी तरह किसान रसायन पर निर्भर हो गए हैं. इससे हमारे भोजन, जल, जंगल और जमीन सबको खराब किया है.
इस बीच नेहा की पुनीत त्यागी से शादी हो गई. उनकी जमीन नोएडा में है, जहां वे लोग खेती करते हैं. वे लोग जमीन को स्थानीय किसानों को लीज पर दिए थे. नेहा अपने खेतों में गईं और किसानों से बात कीं. इसके बाद उन्होंने तय किया कि वह खुद खेती करेंगी. इसमें उनके पति ने भी उनका साथ दिया.
नेहा ने इसके बाद 7 महीने तक ट्रेनिंग की और कोर्स पूरा किया. इस बीच वह अलग-अलग राज्यों में गईं और ऑर्गेनिक खेती करने वाले एक्सपर्ट्स से बात की. इसके बाद उन्होंने खेती करने का प्लान तैयार कर लिया. इसमें उन्होंने 2-3 किसानों का साथ लिया और काम आगे बढ़ाने लगीं.
बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, नेहा ने तीन चीजों पर फोकस किया. ऑर्गेनिक खेती और किसानों को ट्रेनिंग, ओपन फॉर्म, जिसमें कस्टमर कभी भी आकर खेती का तरीका देख सकते हैं और लर्निंग प्रोग्राम. 6 महीने में उनकी मेहनत रंग लाई.
नेहा ने 30-40 तरह की सब्जियां उगाईं. इसके लिए मिश्रित खेती और गाय आधारित खेती से शुरुआत की. इसके बाद पुनीत ने भी अपनी जॉब छोड़ दी और पूरी तरह से खेती करने लगें. आज उनसे 25 किसान जुड़े हुए हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं.