बारिश हुई तो सोलन में होटल ढाबे और मकान मलबे में हो सकते है तब्दील : एनएचएआई बेखबर 

सोलन में प्राकृतिक आपदा जिला वासियों  पर कहर बनकर टूटी है जिसमें कई लोग अपनी जान गवा बैठे हैं तो दर्जनों लोग अपने आशियाने खो चुके हैं अभी यह संकट पूरी तरह से टला नहीं है क्योंकि अभी भी कई ऐसे भवन है जिनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी है और वह कभी भी गिर सकते हैं ऐसे धर्मपुर में दो होटल है जो पूरी तरह से असुरक्षित नजर आ रहे हैं और लोगों को डर है कि अगर तेज बारिश होती है तो यह कभी भी ताश की पत्तों की तरह गिर सकते हैं जिसको लेकर प्रशासन को समय रहते हुए कुछ कदम उठाने चाहिए ताकि लोगों का नुकसान होने से बच जाए।
गगन वर्मा  और रामपाल प्रभावितों ने    ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि  एनएचएआई  की लापरवाही की वजह से सोलन के राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर कई होटल ढाबे गिर चुके हैं और कई गिरने के कगार पर है जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि एनएचएआई ने   सड़क पर जल  निकासी के लिए कोई भी प्रबंध नहीं किया है।  यह पानी तेज़ बारिश में भवनों में घुस कर उसकी नीवें कमज़ोर कर रहा है और मकान मलबे में तब्दील होते जा रहे है।  जिस बारे में कई बार स्थानीय लोगों ने शिकायतें भी की लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।  जिसका खामियाजा फोरलेन के किनारे बसे लोग भुगत रहे हैं।  उन्होंने कहा कि वह रोज़ एनएचएआई के अधिकारियों को अभी भी फरियाद कर रहे है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर दरारें बढ़ती जा रही है। अगर अभी भी जल निकासी का प्रबंध नहीं किया तो  और भवनों को भी गिरने का खतरा हो सकता है।