IAS अंजू शर्मा: दसवीं और बारहवीं में फेल हुईं, मेहनत के दम पर पहले प्रयास में क्रैक की UPSC की परीक्षा

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असफलता का बस इतना मतलब है कि आप अभी तक सफल नहीं हुए हैं. वैसे भी किसी ने खूब कहा है कि सफलता की सीढी है असफलता जिसे सही कर दिखाया है आईएएस अंजू शर्मा ने, जो हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में फेल होने के बाद पहले प्रयास में IAS बन गईं.

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दसवीं के बाद बारहवीं में हुईं फेल

आईएएस अंजू शर्मा इंटरमीडिएट में अर्थशास्त्र के विषय में फेल हो गई थीं. वहीं हाईस्कूल के प्री-बोर्ड में रसायन विज्ञान में भी वो फेल हो गई थीं. उन्होंने बाकी के विषयों को डिस्टिंक्शन के साथ पास किया था. लेकिन, उन्होंने बावजूद इसके आगे हिम्मत नहीं हारी.

अंजू बताती हैं कि सफलता के लिए असल तैयारी आपके असफल हो जाने के बाद होती है. दसवीं और बारहवीं कक्षा में फेल होने के बाद उनके भविष्य को दिशा मिली. उन्होंने एक अख़बार को इंटरव्यू देते हुए यह बात बताई. ‘मेरे प्री बोर्ड परीक्षा के दौरान मुझे बहुत सारे चैप्टर पढ़ने थे. मुझे घबराहट होने लगी, क्योंकि मैंने तैयारी नहीं की थी. मुझे लगा अब मैं फेल हो जाउंगी’. उन्होंने कहा कि ‘सभी ये कह रहे थे कि दसवीं कक्षा में बेहतर मार्क्स जरूरी हैं, क्योंकि ये हमारे हायर स्टडीज को निर्धारित करती है’.

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मेहनत से बनी गोल्ड मेडलिस्ट

इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद अंजू निराश थीं. उन्हें कुछ बनने के लिए बहुत मेहनत करनी थी. मुसीबत की इस घड़ी में उनकी मां ने उन्हें सपोर्ट किया. उन्हें प्रोत्साहित करने का काम किया. अंजू को भी यह समझ में आया कि परीक्षा के अंत में तैयारी करने से लोड ज्यादा रहता है. बल्कि शुरुआत से ही परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए.

आगे अंजू ने मेहनत के साथ पढ़ना शुरू कर दिया. कॉलेज की परीक्षा की तैयारी शुरुआत से ही शुरू कर दी थीं. जिसका बेहतरीन फल भी मिला. अंजू कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट बनीं. बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद जयपुर के एक कॉलेज से एमबीए किया.

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पहले प्रयास में UPSC क्लियर किया

आगे अंजू UPSC परीक्षा की तैयारी में जुट गईं. अंजू ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC की परीक्षा पास की और IAS बनकर परिवार का नाम रोशन कर दिया. उन्होंने साल 1991 में राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर पहली नौकरी की.

इसके बाद बड़ौदा, गांधीनगर में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पद पर कार्यरत रहीं. कई अन्य स्थानों पर विभिन्न पदों पर काम किया. वर्तमान में गांधीनगर में सरकारी शिक्षा विभाग सचिवालय में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे रही हैं. फ़िलहाल आईएएस अंजू शर्मा की सफलता की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है जो जिंदगी में एक बार असफल होने से अपनी हार मानकर बैठ जाते हैं.