ISRO On Luna-25 And Chandrayaan-3 Mission: रूस की स्पेस एजेंसी Roscosmos ने चंद्रमा के लिए लूना-25 मिशन लॉन्च किया है। इसरो ने चंद्रयान-3 और लूना-25, दोनों को सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
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भारत और रूस की दोस्ती अब धरती की सीमा पार कर चुकी है। दोनों अब चंद्रमा पर साथ पहुंचेंगे। शुक्रवार सुबह रूस ने भी मून मिशन लॉन्च किया है। रशियन स्पेस एजेंसी Roscosmos ने शुक्रवार सुबह Luna-25 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। पिछले 50 सालों में रूस का यह पहला चंद्रमा मिशन है। भारत का चंद्रयान-3 पहले ही चंद्रमा की यात्रा पर है। वह चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है और 23 अगस्त की शाम को सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस का लूना-25 भी उसी दिन चंद्रमा पर पहुंचेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने Roscosmos को सफल लॉन्च पर बधाई देते हुए कहा कि हमारी अंतरिक्ष यात्राओं में एक और मीटिंग पॉइंट आया है, यह सुखद है! ISRO ने अपने पोस्ट में लूना-25 और चंद्रयान-3 के अपने मिशन में सफल होने की कामना की।
लूना-25 की सफलता पर ISRO ने यूं दी बधाई
अभी कहां है अपना चंद्रयान-3?
पृथ्वी की यह तस्वीर अपने चंद्रयान ने भेजी है। ISRO के अनुसार, चंद्रयान-3 अभी चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। फिलहाल यह 174 km x 1437 km के ऑर्बिट में है। इसे चांद की अगली कक्षा में 14 अगस्त को सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे के बीच भेजा जाएगा।
चांद पर मिलेंगे धरती के दो दोस्त
चंद्रमा पर एक-दूसरे को हैलो बोलना
क्या है रूस का लूना-25 मिशन?
रूस ने आखिरी बार 1976 में चंद्रमा पर कोई स्पेसक्राफ्ट भेजा था। लूना-25 की लॉन्चिंग यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद के बिना किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-25 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। उसी दिन शाम को चंद्रयान-3 के भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। अब तक यहां पर कोई स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं कर सका है। चंद्रमा पर भी केवल तीन देश- अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही स्पेसक्राफ्ट भेज पाए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत इस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।