मशोबरा ब्लाॅक के ट्राई गांव में करीब डेढ़ लाख लीटर क्षमता वाले भंडारण टैंक के अचानक गेटवाॅल खुलने से पूरे गांव में हड़कंप मच गया और एक बड़ा हादसा होने से टल गया। बरसात में टैंक पानी से लबालब भरा हुआ था।
बता दें कि करीब छः माह पहले ट्राई गांव में जल शक्ति विभाग द्वारा सिंचाई टैंक निर्मित किया गया था, जिसमें पानी की निकासी के लिए चार-चार इंच के दो पाइप लगाए गए है। विभाग और ठेकेदार की लापरवाही से इस सिंचाई टैंक के पानी को बंद करने के लिए कोई गेटवाॅल नहीं लगाया गया था। पानी की निकासी के लिए बोरी को लपेट कर बंद किया गया था। लोगों ने बड़ी मशक्कत के साथ पुनः बोरे से ढक्कन लगाकर पानी पर काबू पाया।
बता दें कि इस टैंक के ठीक नीचे अनुसूचित जाति के चार परिवार रहते हैं। परिवार के मुखिया धर्मसिंह और रोशन लाल ने बताया कि रविवार की प्रातः करीब 9 बजे जब वह घर पर कुछ कार्य कर रहे थे अचानक बड़ा धमाका हुआ। लोगों ने बाहर आकर देखा तो टैंक से भारी मात्रा में बहने वाले पानी ने बाढ़ का रूप धारण कर लिया। इस धमाके की आवाज सुनकर गांव के लोग भी एकत्रित हो गए और उन्होने पानी का बहाव मकान पर जाने की बजाए दूसरी और को काट दिया।
धर्म सिंह का कहना है कि यदि घटना रात होती तो चार परिवार बेघर हो जाने थे। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इतना बड़ा टैंक बनाने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन नहीं किया है। जिस बारे में उन्होंने विभाग और ठेकेदार से टैंक को किसी अन्य स्थान पर निर्मित करने की गुहार लगाई थी।
इनका कहना है कि यदि चार -चार इंच के दोनों गेट वॉल खुल जाते तो तबाही हो जानी थी। विभाग की लापरवाही के चलते अभी तक टैंक पर छत और चारों ओर फेंसिंग भी नहीं लगाई गई है। शायद विभाग किसी हादसे का इंतजार कर रहा है। धर्म सिंह ने बताया कि उन्होंने विभाग की इस लापरवाही के बारे में 1100 नंबर पर भी शिकायत की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर शरारत करके बोरी के ढक्कन को हटाया। इसके बारे में विभाग को गंभीरता से सोचना चाहिए। जल शक्ति विभाग के जेई (JE) सुनील बिखटा ने बताया कि टैंक में गेटवाॅल लगाने के अतिरिक्त छत व फेंसिंग करने के आदेश दे दिए है, ताकि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।