शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि इस भारी बारिश के कारण प्रदेश में 6600 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि सिरमौर जिला में भारी बरसात के कारण करीब 290 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह जानकारी शनिवार को उपायुक्त कार्यालय सभागार नाहन में राहत एवं पुनर्वास कार्य सम्बन्धी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। शिक्षा मंत्री सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा और राहत एवं पुनर्वास संबंधी कार्यों की समीक्षा के लिए नियुक्त प्रभारी मंत्री के रूप में सिरमौर प्रवास पर है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस समीक्षा बैठक में विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल पर वर्तमान में 75 हजार करोड़ रुपए का ऋण है तथा 11 हजार करोड़ रुपये की अलग से देनदारियां हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु राहत एवं पुनर्वास में दिन-रात जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनहित में राहत मैन्यूअल में संशोधन किया है, जिससे आपदा के समय हुए नुकसान के दौरान प्रभावितों को समुचित आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सड़कें पर्वतीय प्रदेश की जीवन रेखायें हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। उन्होंने जिला की सभी सड़कों की बहाली युद्ध स्तर पर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जिला की सभी बंद सड़कें जिनमें ग्रामीण सड़क भी शामिल हैं। उन्हें तुरंत बहाल करने के लिए कहा। उन्होंने भरली गांव का जिक्र करते हुए कहा कि आपदा के कारण जो गांव अथवा घर भूमि सहित पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन परिवारों के पुनर्वास के लिए सरकारी भूमि देने पर विचार किया जायेगा।
रोहित ठाकुर ने कहा सभी प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों और आम जन के हित में पंचायतों के संपर्क मार्ग को बहाल करना जरूरी है। यह कार्य मनरेगा से भी किया जा सकता है, ताकि किसानों की फसलें मंडियों तक समय पर पहुंच सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आपदा के समय जिला प्रशासन और सभी संबंधित विभागों ने बेहतरीन कार्य किया है किन्तु हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी सजग और तैयार रहने की आवश्यकता है, क्योंकि अभी बरसात खत्म नहीं हुई और लोगों की मुश्किलें आगे भी जारी रह सकती हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि जिला में लोक निर्माण विभाग की राज्य सड़को को 118 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि राष्ट्रीय उच्च मार्ग की सड़कों को 5.09 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला में जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं के ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पेयजल योजनाओं के नुकसान का आंकड़ा 105 करोड़ से अधिक है। उन्होंने बताया कि जिला में बिजली आपूर्ति के ढांचे को 9.05 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिला में कृषि विभाग को 29.33 करोड़, उद्यान विभाग को 1.36 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग को 67 लाख रुपये, स्वास्थ्य विभाग को 4.7 करोड़ रुपए, सामुदायिक संपत्तियों को 7.73 करोड़ का नुकसान हुआ है।
जिला में शिक्षा विभाग को करीब 3.03 करोड रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने बताया कि जिला में 13 लोगों के पक्का एवं कच्चा मकान क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट है, जिसके नुकसान लगभग 1.78 करोड़ रुपये हुआ है। जिला में 118 गौशालाओं को करीब 17.80 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है। जिला में 29 पशु हानि से 5.66 लाख रुपये का पशु धन का नुकसान आंका गया है। भारी बरसात के कारण जिला में 11 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 17 लोग घायल हुए है।
राहत एवं पुनर्वास धनराशि
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि सिरमौर जिला में अभी तक 27.56 लाख रुपये की राहत राशि अंतरिम राहत के रूप में प्रभावित परिवारों को उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण, जल शक्ति और बिजली विभाग को मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्य हेतु धन राशियां जारी की गई हैं। लोक निर्माण विभाग को 2.50 करोड़, जल शक्ति विभाग को 1.25 करोड़ तथा बिजली बोर्ड को 69 लाख रुपये प्राकृतिक आपदा राहत फंड से जारी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एसडीपी और बैकवर्ड सब एरिया प्लान के तहत जिला में 52 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि राहत एवं पुनर्वास के लिए जारी की गई है।
उपायुक्त सुमित खिमटा ने बैठक में सिरमौर जिला में हुए नुकसान के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्यों की विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बैठक में सिरमौर जिला में हुए नुकसान के सम्बन्ध में तैयार की गई एक वीडियो प्रेजेंटेशन भी दी। विधायक पांवटा सुखराम चौधरी, विधायक रेणुका जी विनय कुमार, विधायक पच्छाद रीना कश्यप, विधायक नाहन अजय सोलंकी, पूर्व विधायक पांवटा साहिब किरनेश जंग, प्रदेश कांग्रेस सचिव दयाल प्यारी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद परमार, पुलिस अधीक्षक रमण कुमार मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त मनेश कुमार यादव, जिला राजस्व अधिकारी के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।