गरमा-गर्म कुरकुरा पाव और मक्खन मारकर मसालेदार भाजी, और साथ में प्याज़ मिर्च और नींबू का टुकड़ा… लिखते हुए ही मुंह में पानी आ गया. हर गली-नुक्कड़ में मिलने वाली और भारतीय घरों का स्पेशल संडे नाश्ता, पाव भाजी. वड़ा पाव और पाव भाजी, मुंबई की गलियां इन दोनों ही व्यंजनों की खु़शबू से गुलज़ार रहती हैं. मुंबई नगरी के नाम के साथ ही जुड़ गई है पाव भाजी. ख़ास बात ये है कि बच्चे हों या बड़े सभी को ये व्यंजन काफ़ी पसंद आता है. आलू और सब्ज़ियों से बनने वाली भाजी, सेहत के लिए भी बेहतरीन है.
क्या आप जानते हैं कि पाव भाजी भारतीय व्यंजन नहीं है?
चौंक गए न? चौंकने वाली बात ही है. जो चीज़ इतनी भारतीय लगे वो भारतीय कैसे नहीं है? वड़ा पाव के बाद पाव भाजी ही महाराष्ट्र की लाइफ़लाइन है, लेकिन इस स्वादिष्ट स्वर्ग सरीखे व्यंजन का जन्म भारत में नहीं हुआ.
अमेरिकी गृहयुद्ध से जुड़ा है पाव भाजी का इतिहास
पाव भाजी का इतिहास भी एक युद्ध से जुड़ा है, अमेरिकी गृहयुद्ध (American Civil War) से. बता दें कि ये युद्ध यूनाइटेड स्टेट्स और 11 दक्षिण के स्टेट्स के बीच 1861 से 1865 तक चला.
The Better India के अनुसार, युद्ध के दौरान वैश्विक बाज़ार से दक्षिण यूनाइटेड स्टेट्स पूरी तरह कट चुका था. इन स्टेट्स की मुख्य फसल थी कपास (King Cotton). अंग्रेज़ों को कपास की कमी पड़ने लगी क्योंकि युद्ध चल रहा था. Her Zindagi के अनुसार, अंग्रेज़ों ने मुंबई ये कपास मिलों को पैदावार बढ़ाने का तुग़लकी फ़रमान जारी कर दिया. ब्रितानिया सरकार के ऑर्डर्स पूरे करने के लिए मज़दूर दिन-रात एक करके मिलों में काम करने को मजबूर हो गए. मज़दूरों के खाने का प्रबंध भी मिल्स के बाहर किया गया, छोटे-छोटे खाने के स्टॉल्स लगाए गए. इन स्टॉल्स पर ऐसा खाना बनना था जो न सिर्फ़ सस्ता हो बल्कि बनाने में भी आसान हो. रेड़ीवालों ने मौक़े का फ़ायदा उठाया और एक नई डिश इजात कर दी. इन स्टॉल्स पर बची सब्ज़ियों से भाजी बनाई गई और बेकरी के बचे ब्रेड को सेंक कर, मक्खन के साथ मज़दूरों को परोसा गया.
जैसे-जैसे मुंबई में कपास मिलों की संख्या बढ़ी, पाव भाजी स्टॉल्स की भी संख्या बढ़ने लगी. ग़ौरतलब है कि मज़दूरों का पौष्टिक आहार आज सड़क पर लगने वाली रेड़ी से लेकर 5 सितारा होटलों में भी मिलता है.
पुर्तगाली कनेक्शन
कुछ फ़ूड हिस्टोरियन्स पाव भाजी का कनेक्शन पुर्तगालियों से भी जोड़ते हैं. पुर्तगाली सारी सब्ज़ियों को एकसाथ मिलाकर भाजी बनाते थे और पाव यानि ब्रेड के सात खाते थे. पुर्तगाली में ब्रेड को ‘Pao’ कहते हैं और भारत में भी पाव ही कहा जाता है. कुछ लोग ब्रेड को पाव इसीलिए भी कहते हैं क्योंकि ये ब्रेड का एक चौथाई हिस्सा हुआ करता था. माना जाता है कि जब पुर्तगालियों ने मुंबई को दहेज में ब्रितानिया सरकार को दिया तभी पाव भाजी भी मुंबई का हिस्सा बन गई. अंग्रेज़ प्रिंस चार्ल्स II की शादी पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन डी ब्रिगेंज़ा से हुई थी.
पाव भाजी की कहानी पढ़ ली तो अब ऑर्डर कर लो, क्योंकि मुंह में पानी आ ही गया होगा.