प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थान जल्द ही सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की मदद के लिए ‘पढ़ाई के साथ कमाई’ (Earn with Learn) योजना शुरू कर सकते हैं, ताकि ऐसे छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में सहूलियत हो। दरअसल, यूजीसी (University Grant Commission) ने प्रस्ताव तैयार किया है कि उच्च शिक्षण संस्थान अपने परिसर में विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रमों (courses) में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार के ऐसे अल्पकालीन अवसर प्रदान कर सकते हैं।
उच्च शिक्षण संस्थानों में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को समान अवसर प्रदान करने के लिए आयोग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सप्ताह में 20 घंटे व महीने में 20 दिन कर सकेंगे काम….
इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि छात्रों के लिए ऐसे काम करने के लिए मानदेय घंटे के हिसाब से एकमुश्त राशि के रूप में तय होगा। यह अवधि प्रति महीने 20 दिन और प्रति सप्ताह अधिकतम 20 घंटे होगी। यूजीसी ने कहा है कि भुगतान वास्तविक आधार पर किया जाएगा। इसके तहत काम करने का अवसर छात्रों को कक्षा के बाद प्राप्त होगा।
इसमें कहा गया है कि ‘पढ़ाई के साथ कमाई’ योजना का मकसद सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को पढ़ाई जारी रखने के लिए आय अर्जित करने तथा कौशल एवं क्षमता (skills and abilities) को बेहतर बनाने में मदद करना है।
इन कामों में छात्रों को मिल सकता है अवसर…. आयोग ने इस संबंध में काम करने के अवसर को लेकर कुछ सेवाएं सूचीबद्ध की हैं, जिनमें शोध परियोजना में कार्य, पुस्तकालय से जुड़े कार्य, कम्प्यूटर सेवा, डाटा एंट्री, प्रयोगशाला सहायक आदि शामिल हैं। ये दिशा-निर्देश नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तर्ज पर तैयार किए गए हैं, जिसमें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के मुद्दों के समाधान पर जोर दिया गया है।