9 से 5 की नौकरी वाले लोगों में से ज़्यादातर मन मारकर ही नौकरी करते हैं. उन्हें अपना काम, अपना पैकेज पसंद नहीं है लेकिन ‘सेफ़ साइड’ लेकर चलना पड़ता है. इसी वजह से नौकरी कर रहे हैं. पैशन के पीछे भागने, कम्फ़र्ट ज़ोन से निकलने में काफ़ी दम रखता है. आंध्र प्रदेश के प्रकासम (Prakasam, Andhra Pradesh) के सॉफ़्टवेयर इंजीनियर मंदालापू श्रीनिवास राव में वो दम था. अपनी अच्छी खासी IT सेक्टर की नौकरी छोड़कर उन्होंने पशुपालन शुरू किया. अब वो सालाना लाखों कमा रहे हैं.
इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर शुरू की डेयरी
The New Indian Express के एक लेख के अनुसार, मंदालापू श्रीनिवास राव (Mandalapu Srinivas Rao) एक सॉफ़्टवेयर प्रोफ़ेशन्ल थे. बचपन में न पढ़ने-लिखने वाले बच्चों को यूं डराया जाता था, ‘पढ़ोगे नहीं तो क्या गाय-बकरी चराओगे.’ श्रीनिवास अब गाय और भैंस ही पाल रहे हैं. उनके पास 15 गाय और 17 भैंसे हैं जो प्रति दिन 210-220 लीटर दूध देती हैं.
पूरी सेविंग्स डेयरी खोलने में लगा दी
2020 में श्रीनिवास ने अपनी डेयरी शुरू की. उनके पास कुछ 25 लाख रुपये थे. उन्होंने सारी सेविंग्स डेयरी खोलने में ही लगा दी. इसके बाद भी बैंक से लोन लेकर कुछ 20-25 लाख रुपये खर्च किए. श्रीनिवास ने बताया कि लोन क्लियर करने में और प्रोडक्शन बढ़ाने में 2 साल का समय लगेगा. आगे चलकर वो पॉलट्री फार्म, शीप फार्म भी खोलना चाहते हैं. साथ ही ऑर्गैनिक सब्ज़ियां उगाने की भी इच्छा है.
इस प्लान में श्रीनिवास की मां और पत्नी मनसा ने काफ़ी साथ दिया.
वर्क फ़्रॉम होम करते हुए आया आइडिया
श्रीनिवास ने दिल्ली और हैदराबाद में काम किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें काफ़ी वर्क प्रेशर झेलना पड़ता था जिस वजह से कई तरह की परेशानियां होती थी. उनकी जीवनशैली भी बिगड़ रही थी. कोविड के दौरान वो घर पर रह कर ही काम कर रहे थे. माता-पिता के साथ रहते हुए उन्हें गांव में ही डेयरी खोलने का आइडिया आया.
श्रीनिवास का कहना है कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट की वजह से अब वो अपने माता-पिता के साथ गांव में ही लाइफ़ बिता सकते हैं.