भारत किसानों का देश नहीं है: पानी में सेब बहाने को मजबूर हुए हिमाचल प्रदेश के बागवान

स्कूलों में पढ़ा था, भारत किसानों का देश है. ट्रेन यात्रा के दौरान भी रेल पटरी खेत के बीच से होकर निकलती है. एक तरफ़ वो भारत है जहां ऊंची-ऊंची इमारतें हैं और दूसरी तरफ़ हरे-भरे खेतों वाला भारत. इसी ‘किसानों के देश’ में किसानों की हालत कैसी है, इसकी गवाही देने वाला एक वीडियो सामने आया है. हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान अपनी खून-पसीने की फसल को पानी में बहाते नज़र आए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

हिमाचल के बागवान सेब की फसल पानी में क्यों बहा रहे?

हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित रोहरू का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक शख़्स सेब की फसल को पानी में फेंकता नज़र आ रहा है. सेब के बागवानों का कहना है कि पिछले 20 दिनों से सड़के बंद हैं. इस वजह से बागवान अपनी फसल मंडी तक नहीं ले पा रहे. नतीजा ये हुआ कि वो अब अपनी फसल पानी में फेंक रहे हैं.

बागवानों का ये भी कहना है कि प्रशासन की तरफ़ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. ये भी दावा किया गया कि हालात ऐसे ही रहे तो आगे और भी किसान ऐसा कदम उठाने पर मजबूर होंगे.

भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना

भाजपा नेता अमित मालविय ने इस वायरल वीडियो को शेयर किया और कांग्रेस पर निशाना साधा. मालविय ने लिखा कि किसान अपनी फसल पानी में बहाने पर इसलिए मजबूर हुए क्योंकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने वक्त पर किसानों की फसल मार्केट तक पहुंचाने में मदद नहीं की.

भाजपा के दूसरे नेता जयराम ठाकुर और चेतन ब्रागता ने भी ये वीडियो ट्वीट किया.

भारी बारिश की वजह से सेब के बागों पर संकट

himachal pradesh farmers throw apple in water viral videoTOI/Representative Image

किसान तक की रिपोर्ट के अनुसार, किसान संयुक्त मोर्चा के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि प्रदेश की बागवानी संकट के दौर से गुज़र रही है. चौहान ने कहा कि राज्य में हो रही लगातार बारिश, बादल फटने की घटनाओं, बाढ़ का दुष्प्रभाव सेब की फसल पर पड़ा है. सेब की फसल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है. उनका दावा है कि बरसात का असर 10 प्रतिशत बगीचों पर पड़ा है. कई बागों में फल खराब हो रहे हैं.

बागवान ज़िला प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

नाले में बहाए जाने वाले सेब सी ग्रेड सेब?

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नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आज़ादपुर मंडी के एक कारोबारी का कुछ और ही कहना है. इस कारोबारी का दावा है कि जो सेब नाले में बहाए जा रहे हैं वो सी ग्रेड सेब हैं. हिमाचल प्रदेश के बागवान ऐसे सेब को बोरी में भरकर दिल्ली भेजते हैं. इसकी कीमत भी काफ़ी कम मिलती है. अभी फलों का परिवहन महंगा है और इसी वजह से सेब फेंकना ही सही है.