इतनी खूबसूरत विदाई भारत में ही दी जा सकती है: पेंच टाइगर रिजर्व ने कुछ इस तरह दी थी इस शेरनी को विदाई

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मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व (Pench Tiger Reserve, Madhya Pradesh) में रहती थी एक शेरनी. नाम था Collarwali (शेरनी का नाम). साल 2020 में उसकी मौत हो गई थी लेकिन इस शेरनी को जंगलात वालों ने जिस तरह विदाई और श्रद्धांजलि दी, वो इंसान-जानवर के रिश्तों के बारे में बहुत कुछ कहता है. अब वो तस्वीर एक बार फिर शेयर की जा रही है.

29 शावकों को दिया था जन्म

पेंच की रानी कॉलरवाली उस समय न्यूज़ में आये थी जब उसने अपने जीवनकाल में कुल 29 शावकों को जन्म दिया. ये अपने आप में रिकॉर्ड था. जब उसकी मौत हुई तो उसे शानदार तरीके से विदाई दी गई. ट्विटर पर कई अफसरों ने भी फारेस्ट डिपार्टमेंट की ख़ूब तारीफ़ की. IRS अंकुर रपाड़िया ने लिखा, वो पिछले 17 साल से रानी की तरह रह रही थी और 29 शावकों को जन्म भी दिया. RIP #Collarwali”

The Daily Guardian को दिए इंटरव्यू में PTR के फील्ड डायरेक्टर अशोक कुमार मिश्रा ने बताया थआ कि वो 2008 से 2018 के बीच 8 बार गर्भवती हुई और 29 बच्चे दिए. 17 साल की कॉलरवाली T-15 के नाम से भी जाना जाता था.

IFS परवीन कासवान ने लिखा था, “पेंच की कॉलरवाली का अंतिम संस्कार. भारत के अलावा आपको ऐसा और कहां देखने को मिलेगा?” 

भारतीय संस्कृति की तारीफ़ करते हुए Patrick Brauckmann ने कहा था कि हिन्दू कल्चर जिस तरह से जीवन को सम्मान देता है उसे मैं प्रणाम करता हूं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक बी बाघ की औसत उम्र 12 साल होती है. बताया गया है कि इस साल जनवरी में कॉलरवाली को आखरी बार लोगों ने देखा था. उसके बाद से उसकी तबियत ठीक नहीं रही. इस बाघ का जन्म 2005 में हुआ था. उसकी मां भी T-7 को भी लोगों ने ख़ूब प्यार दिया था.

क्यों पड़ा था नाम कॉलरवाली?

जंगलों में जानवरों को लोकेट करने के लिए ट्रांसमिटर का इस्तेमाल होता है जिससे ये पता रहे कि वो कहां हैं.इन्हें रेडियो कॉलर भी बोलते हैं क्योंकि ये रेडियो वेव्स के ज़रिये ही काम करते हैं. T-15 पर ये कॉलर दो बार लगे और तब से उसका नाम कॉलरवाली पड़ गया.