बघाट बैंक सोलन की रिकवरी को लेकर अब आर-पार की लड़ाई शुरू हो चुकी है। ARCS की विशेष अदालत में हुई सुनवाई के दौरान बैंक के बड़े ऋण डिफॉल्टरों पर सख्त रुख अपनाया गया। अदालत ने साफ संदेश देते हुए 11 ऋण डिफॉल्टरों की संपत्तियों को नीलाम करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
विशेष अदालत में कुल 20 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें से आधा दर्जन से अधिक डिफॉल्टरों की संपत्तियों को अटैच करने के निर्देश दिए गए। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए चेतावनी है जो वर्षों से बैंक का पैसा दबाकर बैठे हैं और बार-बार नोटिस के बावजूद भुगतान से बचते रहे।
हालांकि, दबाव बढ़ता देख कुछ ऋण डिफॉल्टरों ने नोटिस के माध्यम से OTS (वन टाइम सेटलमेंट) के तहत भुगतान करने का भरोसा भी जताया है। लेकिन ARCS ने साफ कर दिया है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस भुगतान ही स्वीकार किया जाएगा।
ARCS गिरीश नड्डा ने जानकारी देते हुए बताया कि बघाट बैंक सोलन मामले की जांच अभी जारी है और जांच के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आई हैं। इन खामियों के आधार पर आने वाले समय में और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।