सोलन जिले में मिड डे मील योजना का संचालन तो जारी है, लेकिन खाने बनाने के खर्च का फंड पिछले तीन महीनों से अटका हुआ है। शिक्षा विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर चंद ने बताया कि जिले के करीब 1040 स्कूलों में मिड डे मील योजना चलाई जा रही है। इनमें लगभग 734 प्राइमरी, 136 मिडिल और करीब 200 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। इस योजना से जिले में हजारों बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर चंद के अनुसार प्राइमरी व प्री-प्राइमरी स्तर के लगभग 3 हजार, जबकि अपर प्राइमरी स्तर के करीब 24 हजार बच्चे मिड डे मील का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलती है, जिसमें केंद्र का 90 प्रतिशत और राज्य का 10 प्रतिशत योगदान होता है।उन्होंने कहा कि अभी तक योजना सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन पिछले तीन माह से खाने बनाने के खर्च का बजट नहीं मिला है। हालांकि परिवहन, आकस्मिक खर्च और मिड डे मील वर्करों के वेतन का फंड मिल चुका है, लेकिन खाने बनाने के खर्च का भुगतान अभी भी लंबित है।