आरबीआई की सख्ती के बाद आखिरकार प्रशासनिक तंत्र नींद से जागा है। वर्षों से बकाया लोन दबाने वाले डिफॉल्टरों पर अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आज सोलन पुलिस ने एक डिफॉल्टर को हिरासत में लिया, जिस पर बघाट बैंक का लगभग पाँच करोड़ रुपये बकाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर बघाट बैंक के चेयरमैन अरुण शर्मा और निदेशक मंडल के सदस्य भी पहुंचे। बैंक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में आरोपी से पूछताछ की गई। इस दौरान आरोपी ने दबाव में आकर ऋण का कुछ हिस्सा तत्काल चुकाने का वायदा किया और कुछ राशि चेक के रूप में जमा करवाई, जिसके बाद उसे अस्थायी रूप से छोड़ दिया गया।सहायक पंजीयक सहकारी सभाएँ गिरीश नड्डा ने बताया कि आज एक व्यक्ति जो बैंक का डिफॉल्टर है, उसे पुलिस द्वारा लाया गया था। उस पर बैंक का भारी ऋण है। उसने लोन चुकाने का वादा किया है। आज दस लाख का चैक भी जमा करवाया है। वहीँ बैंक अधिकारियों को भी जल्द से जल्द डिफॉलटर की प्रॉपर्टी बेच कर ऋण चुकता करने की बात कही है। बाइट गिरीश नड्डा
सूत्रों के अनुसार, बघाट बैंक में वर्षों से बिना नियमानुसार दस्तावेज़ों के ऋण बाँटे जा रहे थे, और कई मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप तथा निदेशकों की चुप्पी के कारण बैंक की स्थिति बदतर होती चली गई। बैंक की इस लापरवाही ने न केवल वित्तीय अनुशासन को धक्का पहुँचाया, बल्कि 80 हजार खाताधारकों का विश्वास भी डगमगा दिया।आरबीआई ने हाल ही में बघाट बैंक पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं और ऐसे सभी संदिग्ध ऋण खातों की समीक्षा करने का आदेश दिया है। इस कार्रवाई के बाद बैंक प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है, और बाकी डिफॉल्टरों में भी खलबली है कि अगला नंबर उनका न हो।
बघाट बैंक घोटाले पर आरबीआई की सख्ती के बाद हड़कंप — पाँच करोड़ के डिफॉल्टर पर प्रशासन की कार्रवाई, सिस्टम की पोल खुली!