परवाणु और सोलन सेब मंडी में में आज आढ़तियों की हड़ताल रही जिसकी वजह से बागवानों को भी खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा। वहीँ दूसरी और लाखों का व्यापार भी प्रभावित रहा। यह हड़ताल आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष संजीव रामटा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस मौके पर उप प्रधान राजेंद्र और दिनेश एवम सचिव रंजन चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे। आढ़तियों ने इस प्रेस वार्ता का आयोजन कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार उन पर जबरदस्ती वजन के हिसाब से सेब बेचने का नियम थोपना चाहती है जो उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी मंडियां इस नियम के लिए तैयार नहीं है।
अध्यक्ष संजीव रामटा और सचिव रंजन चौहान ने कहा कि कई वर्ष पहले बागवान सेब बेचने के लिए बाहरी राज्यों में जाते थे बड़ी मेहनत से सभी आढ़तियों ने मिल कर परवाणु में सेब मंडी को स्थापित किया इस लिए हिमाचल का बागवान यहाँ सेब बेचने के लिए आता है लेकिन सरकार के अड़ियल रवैये के चलते बागवान फिर पड़ोसी राज्यों का रुख कर रहे है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकारी नियम के हिसाब से सेब बेचने का प्रयास किया लेकिन उसमें समय बहुत अधिक लग रहा है। जिसकी वजह से आढ़ती बेहद परेशान है। इसलिए वह चाहते है कि जब तक उचित व्यवस्था ने बन जाए तब तक पुराने नियमों के अनुसार ही सेब बेचने की अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार बागवान को यह अधिकार दे कि वह अपना सेब जिस तरह से बेचना चाहे वह बेच सके।
आप को बता दें कि सोलन और परवाणु की मंडी में आज 4000 सेब के बॉक्स पहुचें थे और सोलन सेब मंडी में 1600सेब के बॉक्स पहुंचे थे जो आढ़तियों के हड़ताल की वजह से बिक नहीं पाए। जिसकी वजह से बागवान बेहद निराश है