जिले में डेंगू के अब तक 20 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन ने बताया कि डेंगू के मामले जुलाई के पहले सप्ताह से सामने आने शुरू हुए थे। राहत की बात यह है कि अब तक सभी मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे विशेष सतर्कता बरतें ताकि बीमारी को और फैलने से रोका जा सके। डॉ. रंजन ने बताया कि डेंगू एक मौसमी बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर विशेष रूप से साफ और रुके हुए पानी में पनपते हैं। बरसात के मौसम में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक और आर्द्रता 50 से 60 प्रतिशत होने पर मच्छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बन जाती हैं। यही कारण है कि इस मौसम में डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं।अमित रंजन ने सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे बद्दी, बरोटीवाला , परवाणु और नालागढ़ के निवासियों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। डॉ. रंजन ने कहा कि लोग अपने घरों में और आसपास पानी एकत्र न होने दें। खासकर ओवरहेड टैंक, कूलर, गमले, फ्रिज की ट्रे, और गड्ढों में पानी जमा होने से रोकें। साथ ही पुराने टायर जैसे वस्तुएं जो बारिश का पानी रोक सकती हैं, उन्हें भी हटाने की सलाह दी। डॉ. रंजन ने यह भी चेताया कि अगर किसी को बुखार आता है, तो वह तुरंत अस्पताल जाए। वहां डॉक्टर डेंगू की जांच करवा सकते हैं और सही समय पर उपचार शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सजगता और नियमित साफ-सफाई से हम डेंगू को काबू में रख सकते हैं।बाइट अमित रंजन