– जगह जगह से पाइप फटने से लोगों के घरों, खेतों, घासनियों को पहुंच रहा नुकसान
– समस्या को लेकर डीसी सोलन से ग्रामीणों ने की मुलाकात, पाइपलाइन बदलने की उठाई मांग
बाइट , 1 – सरोज चौहान, ग्राम पंचायत सलोगड़ा प्रधान
बाइट – 2,3 – ग्रामीण
हिमाचल प्रदेश के जिला मुख्यालय सोलन के साथ लगते फशकना गांव में आईपीएच विभाग की सिंचाई योजना के लिए वर्षों पहले बिछाई गई पाइपलाइन आज ग्रामीणों के लिए समस्या बन चुकी है।
पाइपलाइन बेहद पुरानी होने की वजह से जगह-जगह पर फट चुकी है। ऐसे में इससे फशकना गांव में लोगों के घरों खेतों घसिनियों और गौशालाओं को नुकसान पहुंच रहा है।
इसी समस्या को लेकर बुधवार को फ़शकना गांव के लोगों ने डीसी सोलन से मुलाकात की और उन्हें इस समस्या से अवगत करवाया।
डीसी सोलन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि जल्द उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। ग्राम पंचायत सलोगड़ा की प्रधान सरोज चौहान ने बताया कि फशकना गांव में पिछले 1 साल से लगातार आईपीएच विभाग की बिछाई गई पाइपलाइन फट रही है जिससे लोगों की गौशालाओं, घासनियो खेतों और घरों को नुकसान पहुंच रहा है।
पानी का बहाव इतना तेज होता है कि घासनी और खेतों में लगातार भूस्खलन के मामले सामने आ रहे हैं हालांकि आईपीएच विभाग शिकायत मिलने पर इसकी मरम्मत जरूर करता है लेकिन पाइपलाइन पुरानी होने के कारण यह जगह-जगह से फट रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या लगातार बरकरार है इसकी और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार विभाग से आग्रह किया गया है की समस्या के की तरफ ध्यान दिया जाए और इस पुरानी पाइपलाइन को बदला जाए लेकिन विभाग भी कोई बड़ी अनहोनी होने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग समय रहते इसे बदले ताकि लोगों को नुकसान ना हो।
वहीं जब इस बारे में जल शक्ति विभाग सोलन के एसई संजीव कुमार सोनी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है इसे ठीक किया जाएगा ताकि ग्रामीणों को किसी भी तरह की कोई समस्या पेश न आए।
बता दें कि करीब 1960 और 1965 के दशक में जल शक्ति विभाग द्वारा सिंचाई योजना के तहत पानी की पाइपें बिछाई गई थी। यह पानी की पाइपें उस समय लोगों के खेतों के बीचो बीच से बिछाई गई थी, लेकिन आज यह स्कीम लोगों के लिए सिरदर्द बन चुकी है।
आलम यह है कि पानी की पाइपें जगह-जगह से फट रही है जिस कारण पानी के प्रेशर से रास्ते टूट चुके हैं घासनियां खाई का रूप ले चुकी हैं. वहीं, खेत दलदल बन चुके हैं।
फशकना गांव में करीब 35-40 परिवार हैं और करीब 190 लोगों की आबादी यहां पर है। रात में भी लोगों को यहां पर लगातार बह रहे पानी की वजह से अनहोनी का डर बना रहता है।