एलआर बी.एड संस्थान सोलन में विश्व पर्यावरण दिवस पर “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” थीम के अंतर्गत बीएड प्रशिक्षुओं के द्वारा पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण

वायु प्रदूषण आदि के बारे में जागरूकता पर व्याख्यान करवाए गए। आज के समय में जहां एक तरफ प्लास्टिक ने हमारे जीवन को काफी आसान बनाया है वहीं दूसरी तरफ प्लास्टिक आज के समय धरती के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
प्लास्टिक न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि इंसान के जीवन को भी खतरे में डाल रही है।रोजाना इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की चीज कैंसर तक का जोखिम पैदा कर रही है । प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल बहुत कम करना होगा या फिर प्लास्टिक का पुनः इस्तेमाल और प्लास्टिक कचरे का सही ढंग से प्रबंध करना ही प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने का जागरूक कदम होगा। इसके लिए
बीएड प्रशिक्षुओं के द्वारा बेकार प्लास्टिक के विभिन्न प्रॉजेक्ट तैयार किए गए।
इस प्रॉजेक्ट प्रतिस्पर्धा में सात टीमों ने भाग लिया। पहली टीम ऋषिका के द्वारा ट्री हाउस, दूसरी टीम अक्षिका ने वॉटर फिल्टर, पेन होल्डर, तीसरी टीम इनानशी ने वॉल हैंगिंग ट्री, चौथी टीम साक्षी नेगी ने कासल, और पांचवी टीम यश के द्वारा प्लांट होल्डर, छठी टीम ने स्टोन पेंटिंग, फ्लावर पॉट, बर्ड फीडर एवं सातवीं और अंतिम टीम के द्वारा लेड लाइट स्टैंड और प्लास्टिक के शो पीस बनाए गए।
इस मौके पर निर्णायक की भूमिका मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष श्वेता गुप्ता रही। इसमें प्रथम स्थान अक्षिका की टीम ने,द्वितीय स्थान ऋषिका की टीम और तृतीय स्थान यश पंवर की टीम ने हासिल किया।
साथ ही बी एड संस्थान ने पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रिंसीपल डॉक्टर निशा, स्टॉफ और प्रशिक्षुओं ने भूकंप से बचाव के लिए कौशल विकास संबंधित जानकारी देते हुए मॉक ड्रिल करवाया । इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य भूकंप के दौरान ज्यादातर लोग बुरी तरह से घबरा जाते हैं। उस समय क्या करना चाहिए इस पर जानकारी दी गई।
प्रशिक्षयो ने मॉक ड्रिल के दौरान सावधानियां बरतने और भूकंप आने पर खुली जगह पर एकत्रित होना करके दिखाया।और अगर बाहर निकलने में काफी समय लगने का अनुमान हो तो उसी कमरे के कोने में मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाए।
गतिविधियों के समापन पर एल आर संस्थान की प्रिंसिपल डॉक्टर निशा ने बताया कि हमारा उद्देश्य पर्यावरणीय जीवन शैली को बढ़ावा देना और लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से फैल रहे प्रदूषण को रोकना हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है। विशेष कर हमारे प्रशिक्षु सभी लोगों को प्लास्टिक रोकने के लिए जागरूक करेंगे एवं मानसून के महीने में घर एवं कॉलेज के आसपास की खाली स्थान पर पौधे लगाएंगे।