शहर के वार्ड नंबर 13 में आंगनवाड़ी स्कूल के ठीक ऊपर शराब का ठेका खोल दिया गया है, जिससे क्षेत्र में गंभीर रोष व्याप्त है। यही नहीं, इस ठेके के साथ ही राशन का डिपो और एक प्राइमरी स्कूल भी स्थित है। बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि नियमों के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों के पास शराब का ठेका नहीं खोला जा सकता, फिर भी प्रशासन ने आंखें मूंद कर अनुमति दे दी। अब सवाल उठ रहे हैं कि यह ठेका किसके आदेश से और किन परिस्थितियों में मंजूर किया गया? क्या अनुमति देने वाले अधिकारी को इलाके की भौगोलिक जानकारी नहीं थी, या फिर यह जानबूझकर किसी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया फैसला था? यह जांच का विषय बन गया है।स्थानीय पार्षद मीरा आनंद ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए एडीसी सोलन को ग्यापन सौंपा है और ठेके को तुरंत स्थानांतरित करने की मांग की है। मीरा आनंद का कहना है कि वे शराब ठेकों के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उनका विरोध शिक्षा और बच्चों के भविष्य को खतरे में डालने वाली प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ है।उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, कि हम बच्चों को संस्कार देने की बात करते हैं और दूसरी ओर स्कूल के दरवाजे पर शराब परोसी जा रही है। यह शर्मनाक है। वह चाहते है कि यह ठेका बंद हो जाए। byte meera