इलाज का केंद्र कहे जाने वाला सोलन का क्षेत्रीय अस्पताल आज बीमारियों का स्रोत बन चुका है। अस्पताल की वर्षों पुरानी सीवरेज लाइन चोक है, जिससे गंदगी चारों तरफ फैल चुकी है और भीषण दुर्गंध से क्षेत्रवासी त्राहिमाम कर रहे हैं।अस्पताल के पास रहने वाले नागरिकों ने बताया कि वे गर्मियों में भी खिड़की-दरवाजे बंद रखने को मजबूर हैं। दुर्गंध और गंदगी से उन्हें सांस लेने तक में परेशानी हो रही है। जितेंद्र , एआर गौतम ,नीलम शर्मा ,नीलम गौतम ने अस्पताल प्रशासन, नगर निगम और यहां तक कि मुख्यमंत्री तक शिकायतें कीं, मगर हालात जस के तस हैं। स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या सरकार और प्रशासन को कोई बड़ा हादसा या महामारी चाहिए तब जाकर वे जागेंगे?स्थानीय पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता ने भी हालात पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, पिछले कई महीनों से लोग दुखी हैं, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। गर्मी बढ़ते ही मच्छरों और संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। पार्षद ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पताल के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन अधिकारी केवल बहाने बना रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कल तक समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वह खुद पीड़ितों के साथ अस्पताल परिसर के बाहर धरने पर बैठेंगे।