हिमाचल के युवाओं में कर्तव्य, समर्पण और देशभक्ति की भावना हमेशा से रही है, और इसी का जीवंत उदाहरण हैं रितिक भारद्वाज, जिन्होंने भारतीय सेना में 90 आर्मड में लेफ्टिनेंट पद हासिल कर सोलन और पूरे हिमाचल का नाम रोशन किया है। धर्मपुर क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले रितिक मूल रूप से शिमला ग्रामीण के डूम्मी गांव से हैं। उन्होंने ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी, गया (बिहार) से यह उपलब्धि प्राप्त की, जो उनके कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। उनके पिता डॉक्टर सुरेंद्र कुमार शर्मा एक प्रधानाचार्य हैं जबकि माता अनुपम शर्मा निजी मेडिकल कॉलेज में लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने बेटे की उपलब्धि पर बेहद खुश है। उन्होंने बताया कि रितिक की बड़ी बहन फाल्गुनी भारद्वाज, जो स्वयं कंप्यूटर इंजीनियर हैं, उन्होंने भी उसे आगे बढने के लिए काफी प्रेरित किया है ।बाइट डॉ. सुरेंद्र कुमार शर्मा , अनुपम शर्मारितिक ने बताया कि उन्होंने अपनी शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल, कसौली और MRA DAV सोलन से की । इसके बाद उन्होंने जेपी यूनिवर्सिटी, वाकनाघाट से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के बाद वह देश की सेवा करना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोडी और भारतीय सेना में जाने का कठिन निर्णय लिया और आज उनकी मेहनत रंग ला चुकी है जिस पर उन्हें बेहद गर्व है। बाइट ऋतिक रितिक की यह सफलता हर युवा के लिए प्रेरणा है कि अगर इरादे मजबूत हों और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। सोलन का यह बेटा आज हिमाचल की नई पहचान बन गया है, जिसने अपने साहस, मेहनत और समर्पण से भारतीय सेना में अपनी जगह बनाई। उनकी यह उपलब्धि हर उस युवा के लिए एक सबक है जो अपने सपनों को साकार करने का जज्बा रखते हैं।