फूड प्वाइजनिंग कांड: संयुक्त निदेशक भड़के, बोले—’मैं चुप नहीं बैठूंगा

‘सोलन में चल रहे अध्यापकों के ट्रेनिंग प्रोग्राम में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। शिक्षा विभाग  संयुक्त निदेशक जगदीश नेगी, जिन्होंने 9 मार्च को इस ट्रेनिंग का शुभारंभ किया था, खुद फूड प्वाइजनिंग का शिकार होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद ट्रेनिंग जारी है, जिससे अधिकारियों की बेरुखी साफ झलकती है। 12 मार्च को 11 अध्यापक बीमार होकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।संयुक्त निदेशक जगदीश नेगी इस गंभीर मामले पर बेहद नाराज नजर आए और पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह केवल संयोग नहीं, बल्कि घोर लापरवाही का मामला है, जहां शिक्षकों की सेहत से खिलवाड़ किया गया। उन्होंने इस बात पर कड़ी नाराजगी जताई कि ट्रेनिंग में शामिल होने वाले शिक्षकों को असुरक्षित माहौल में रखा जा रहा है।नेगी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस मामले को यूं ही नहीं जाने देंगे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल में भर्ती हो सकता है, तो अन्य शिक्षकों की सुरक्षा के प्रति इतनी उदासीनता क्यों? जगदीश नेगी ने साफ कहा कि यह महज एक संयोग नहीं, बल्कि गंभीर लापरवाही का मामला है। सवाल यह है कि जब  11 शिक्षक फ़ूड पोइज़निंग से  अस्पताल पहुंच गए, तो बाकी शिक्षकों को जोखिम में क्यों डाला जा रहा है? क्या ट्रेनिंग किसी की जान से ज्यादा जरूरी है? क्या शिक्षा विभाग को कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार है? जगदीश नेगी ने दो टूक कहा कि वह इस मामले में चुप नहीं बैठेंगे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे। byteसंयुक्त निदेशक जगदीश नेगी

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