हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपना तीसरा बजट पेश कर दिया है, जिस पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी थीं। एक ओर सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रही है, तो दूसरी ओर आम जनता और विपक्ष इस आशंका में थे कि सरकार नए कर लगा सकती है या वेतन में कटौती कर सकती है। साथ ही, कयास लगाए जा रहे थे कि विकास कार्यों पर भी रोक लग सकती है। लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन सभी अटकलों को दरकिनार करते हुए बजट में कई बड़े फैसले लेकर सभी को चौंका दिया। बजट को देखने से साफ है कि यह आम आदमी, किसान, मजदूर और महिलाओं के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने हर क्षेत्र में विकास का वादा करते हुए यह सुनिश्चित किया कि किसी भी वर्ग पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।बजट को लेकर जोगिंद्रा बैंक के चेयरमैन एडवोकेट मुकेश शर्मा, सेवानिवृत्त अधिकारी कर्नल संजय शांडिल, और कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अमन सेठी ने सरकार की खुलकर सराहना की। उन्होंने इसे जनहितैषी बजट बताते हुए कहा कि सरकार ने कठिन परिस्थितियों में भी राज्य की जनता को प्राथमिकता दी है। एडवोकेट मुकेश शर्मा ने कहा यह बजट राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और जनकल्याण को बढ़ावा देने वाला है। किसानों मजदूरों और छोटे व्यवसायियों के लिए इसमें खास प्रावधान किए गए हैं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगे। संजय शांडिल ने बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी बड़े कर भार के विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आर्थिक संकट के बावजूद कोई कठोर कदम नहीं उठाया, बल्कि आम जनता को राहत देने वाले निर्णय लिए हैं। पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता अमन सेठी ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने सीमित संसाधनों में भी प्रदेश के विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, इस बजट से जनता को सीधा लाभ मिलेगा और सरकार ने यह दिखाया है कि सही प्रबंधन से आर्थिक तंगी के बावजूद विकास संभव है।byte सेवानिवृत्त अधिकारी कर्नल संजय शांडिल ,चेयरमैन एडवोकेट मुकेश शर्मा, पूर्व प्रवक्ता अमन सेठी