इस बार मौसम की अनिश्चितता ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। समय पर बारिश न होने से उनकी रबी की फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच गईं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अब हो रही बारिश से खेतों में नमी लौटी है, लेकिन किसानों की चिंता अभी भी बरकरार है। किसानों ने प्रशासन से मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए आर्थिक सहायता और सिंचाई सुविधाओं में सुधार की मांग की है।
स्थानीय किसान अजय ठाकुर और मीरा ठाकुर ने बताया कि अगर नवंबर-दिसंबर में बारिश हो जाती, तो वे समय पर फसल की बुआई कर सकते थे। लेकिन सूखे के कारण लहसुन, गेहूं, मटर, आलू, प्याज और गोभी की फसलें खराब हो गईं। अब किसानों ने टमाटर और शिमला मिर्च की खेती शुरू की है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।हालांकि, अब ओलावृष्टि का खतरा किसानों को सता रहा है। अगर बारिश के साथ ओले गिरते हैं, तो नई फसल को भी भारी नुकसान हो सकता है।
बाइट अजय ठाकुर और मीरा ठाकुर