चंबाघाट की सड़क बनी मौत का जाल, NHAI की लापरवाही से लोग बेहाल!

चंबाघाट में बन रहा नेशनल हाईवे-5 अब विकास की बजाय विनाश की तस्वीर पेश कर रहा है। जिस सड़क पर गाड़ियां फर्राटे भरती थीं, वह अब गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि सड़क पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं। NHAI की लेटलतीफी और ठेकेदारों की अनदेखी ने इस इलाके को तालाब में बदल दिया है, जहां हर गुजरने वाला वाहन पानी से सराबोर हो रहा है और हादसे की आशंका बनी हुई है।

किसे परवाह है जनता की?

स्थानीय लोग ही नहीं, बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी इस दुर्दशा का शिकार हो रहे हैं। गड्ढों में भरे पानी से सड़क दलदल बन चुकी है, जिससे आए दिन गाड़ियों के टायर फंस रहे हैं और वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत पैदल राहगीरों को हो रही है, जो सड़क पार करते समय खुद को भीगने और फिसलकर गिरने से बचाने में लगे रहते हैं।

बारिश में क्यों शुरू हुआ मरम्मत कार्य?

चौंकाने वाली बात यह है कि बीते कई दिनों तक NHAI ने फोरलेन का काम पूरी तरह ठप रखा और जब मरम्मत शुरू की, तो वह भी बारिश के मौसम में! सवाल उठता है कि क्या इन ठेकेदारों और अधिकारियों के पास मौसम का भी कोई आंकलन नहीं? क्या यह जानबूझकर किया गया ताकि काम अधूरा रहे और ठेके का समय बढ़ाया जा सके?

कब जागेगी NHAI और प्रशासन?

नेशनल हाईवे-5 के इस निर्माण कार्य को शुरू हुए काफी समय हो गया, लेकिन अब तक यह अधूरा है। जनता बार-बार शिकायत कर रही है, स्थानीय मीडिया इस मुद्दे को उठा रही है, लेकिन NHAI और ठेकेदार कानों में रुई डालकर बैठे हैं। आखिर कब तक लोग इस जानलेवा सड़क पर सफर करने को मजबूर रहेंगे?

सरकार और प्रशासन को अब तुरंत इस लापरवाही पर संज्ञान लेना चाहिए, अन्यथा अगर कोई बड़ा हादसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

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