देशभर के 152 अर्बन लोकल बॉडीज में आधुनिक तकनीक की मदद से नक्शों को सुधारने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी पहल के तहत सर्वे ऑफ इंडिया और प्रदेश सरकार के सहयोग से सोलन में ‘नक्शा’ नामक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों की भू-संपत्तियों और निर्माण से जुड़े दस्तावेजों को सटीक और पारदर्शी बनाना है। iइस कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्वे ऑफ़ इण्डिया के अतिरिक्त महासर्वेक्षक भारत सरकार महेश चंद गौड़ ने की . इस मौके पर डीसी सोलन मनमोहन शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
अतिरिक्त महासर्वेक्षक भारत सरकार महेश चंद गौड़ ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत GIS और अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे शहरों के नक्शों को अपडेट कर उनमें आवश्यक सुधार किए जाएंगे। यह प्रक्रिया शहरी योजनाओं को बेहतर बनाने, अवैध निर्माण पर रोक लगाने और नागरिकों को तेज़ और सुगम सेवाएं देने में सहायक होगी। सरकार का उद्देश्य इस आधुनिक तकनीक से भू-संपत्ति विवादों को समाप्त करना और अवैध निर्माण पर नियंत्रण पाना है। फिलहाल, यह पायलट प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के चार शहरों में शुरू किया गया है। इसकी सफलता के बाद इसे अन्य शहरी क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा। इस पहल से नागरिकों को डिजिटल माध्यम से अपनी संपत्ति की सटीक जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी।