70 लाख की आबादी पर 153 आई ए एस रखना तर्क संगत नहीं है यह बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को आई ए एस और आईपीएस अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वन विभाग में भी 115 आईएफएस अधिकारी कार्यरत है जिनका भी प्रदेश सरकार अतिरिक्त बोझ सह रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल छोटा सा शांत प्रदेश है इसमें इतने अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है। वह चाहते है कि हिमाचल में ज़्यादा प्रशासनिक हस्तक्षेप न हो। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक भी हिमाचल वासी कायदे क़ानून के दायरे में रह कर कार्य करते थे। इसी दृष्टि से आने वाले समय में सभी विभागों में बदलाव किए जाएंगे और प्रशासनिक हस्तक्षेत कम किया जाएगा।