90 प्रतिशत शहर वासियों ने बना लिए  आभा कार्ड 

आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट कार्ड बनाने में सोलन वासी बेहद रुचि दिखा रहे है।  अभी तक करीबन 90 प्रतिशत शहर वासी अपना आभा कार्ड बना चुके है। यह जानकारी चिकित्सक डॉक्टर गगन  हंस ने मीडिया को  दी।  गगन ने बताया कि  आभा कार्ड बनाने से रोगी को अपने रोग की हिस्ट्री की पर्चियां संभाल कर रखने की आवश्यकता नहीं होगी और न ही चिकित्स्क को अपने रोग के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी क्योंकि सारा रिकॉर्ड आभा कार्ड में दर्ज कर दिया जाएगा।  वह देश के किसी भी कोने में जाता है आभा कार्ड से उसका सारा रिकॉर्ड मिल जाएगा कि वह किस किस बिमारी से पीड़ित रहा है उसका क्या इलाज चल रहा है।
अधिक जानकारी देते हुए चिकिस्तक गगन हंस ने बताया कि आभा कार्ड अब पीजीआई में भी चलने लगा है उसके आधार पर ही रोगियों का पंजीकरण होने लगा है।  इस लिए बेहतर और तुरंत इलाज के लिए सभी आभा कार्ड अवश्य बनाएं।  उन्होंने कहा कि इस कार्ड के बनने से रोगियों को बहुत से फायदे होने वाले है। उन्हें इलाज के लिए कतारों में नहीं लगना पड़ेगा।  आभा कार्ड धारकों को प्राथमिकता मिलेगी।  यही वजह है कि नब्बे प्रतिशत लोग आभा कार्ड बनवा चुके है।  उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही दस प्रतिशत भी अपना पंजीकरण करवा लेंगें

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