पंचायत प्रतिनिधियों के निलंबन के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव और बढ़ गया है। जहां भाजपा ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बताते हुए उपायुक्त बिलासपुर पर कांग्रेस के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने उपायुक्त के फैसले को निष्पक्ष करार देते हुए भाजपा के आरोपों को खारिज किया।
भाजपा का विरोध प्रदर्शन
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में एकत्र होकर उपायुक्त और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को निलंबित करने की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। भाजपा ने उपायुक्त पर कांग्रेस के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।
कांग्रेस का पलटवार
दूसरी ओर, कांग्रेस कार्यकर्ता भी सक्रिय हुए और भाजपा के विरोध के जवाब में सर्किट हाउस के बाहर जुटे। कांग्रेस ने उपायुक्त बिलासपुर के फैसले को निष्पक्ष बताया और कहा कि न केवल भाजपा समर्थित प्रधान, बल्कि कांग्रेस समर्थित उपप्रधान को भी निलंबित किया गया है। इससे यह साबित होता है कि प्रशासन ने बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की है।
सर्किट हाउस में नारेबाजी
जैसे ही भाजपा ने सर्किट हाउस से रैली निकालनी शुरू की, कांग्रेस कार्यकर्ता भी बैठक छोड़कर बाहर आ गए। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की, जिससे सर्किट हाउस का माहौल पूरी तरह से गरमा गया।