मुर्गे की राजनीति में फंसे रहे सिरमौर के विधायक ,नहीं उठाया हाटी का मुद्दा : अरुण मेहता
भाजपा ने चुनावों के समय हाटी का मुद्दा जोरशोर से उठाया और यह साबित करने का प्रयास किया कि वह उनके सच्चे साथी है। लेकिन विधानसभा में उनके भाजपा विधायक मुर्गे और समोसे का ही मुद्दा उठाते रहे। जिला सिरमौर का सबसे बड़ा मुद्दा वह विधानसभा में उठाना ही भूल गए। जिस से पता चलता है कि भाजपा के दांत खाने के और दिखाने के और है। यह तंज प्रदेश कांग्रेस पूर्व सचिव अरुण मेहता ने कसा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता केवल चुनावों के दौरान हाटी आरक्षण का मुद्दा उठाते है तो उसके बाद निद्रा की अवस्था में चले जाते है।
प्रदेश कांग्रेस पूर्व सचिव अरुण मेहता ने कहा कि भाजपा के पूर्व मंत्री ध्वाला ने भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर टिप्पणी की है और कहा है कि वह विकास के मुद्दों को छोड़ मुर्गे और समोसे की राजनीति कर रहे है जो राजनीति का बेहद निम्न स्तर है। अरुण ने कहा कि सिरमौर के भाजपा नेताओं को मुर्गे की राजनीति से बाहर निकल कर हाटी के मुद्दे को विधानसभा में उठाना चाहिए था लेकिन अफ़सोस की उन्होंने नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि वह केवल हाटी के मुद्दे पर राजनीति कर रहे है उन्हें सिरमौर की जनता से कोई लेना देना नहीं है वह केवल हाटी आरक्षण को लेकर मंत्री हर्षवर्धन और मुख्यमंत्री पर आरोप लगा सकते है लेकिन जहाँ अपनी बात रखनी चाहिए वहां रख नहीं सकते है। बाइट प्रदेश कांग्रेस पूर्व सचिव अरुण मेहता