राजगढ़ में राष्ट्रीय पेंशनर्ज दिवस पर राजगढ़ में लगी सिरमौरी नाटी कविता पाठ के साथ मनाया गया राष्ट्रीय पेशन दिवस ।
पेंशनर्ज वेलफेयर एसोसिएशन राजगढ़ ने पेंशनर्ज दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य संतराम शर्मा रहे। जबकि दलीप सिंह ठाकुर व सूर्यकांत ममगाई विशिष्ट अतिथि सम्मलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। उसके बाद राष्ट्रगीत प्रस्तुत किया गया। पिछले एक वर्ष के दौरान दिवंगत हुए पेंशनर्ज की स्मृति दो मिनट का मौन रखा गया। उसके पश्चात जीवनसिंह तोमर ने ‘ चली जा रही है उम्र धीरे धीरे’ प्रस्तुत किया। एसोसिएशन के महासचिव डा कृष्णदत्त शर्मा ने एसोसिएशन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय भारद्वाज ने सभी का स्वागत किया। उसके बाद परसराम गालिब ने ‘श्रीराम जानकी बैठे है मेरे सीने में’ भजन प्रस्तुत किया। जिस पर गरजा राम ने बेहतरीन नृत्य किया। सीमा ठाकुर ने पेंशन मिलने के लिए अहोभाव व्यक्त करते हुए देश व सरकारों का आभार जताया। प्रेमपाल आर्य ने एक कविता ‘मेरे सोफरो रा निचोड़’ प्रस्तुत की। धर्मपाल ठाकुर ने ‘मोयना भोक्तानिये मेरिये खायजा बिस्कुट पान’ नाटी प्रस्तुत की। एसोसिएशन के प्रांतीय सदस्य रविदत्त भारद्वाज ने बताया कि 17 दिसम्बर 1982 को डीएस नाकरा ने पेंशनर्ज की लंबी लड़ाई उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया था, और उसी दिन से राष्ट्रीय पेंशन दिवस मनाया जाता है । जिसमें पेंशनर्ज को सम्मान मिलता है । मुख्य अतिथि संतराम शर्मा ने सफल आयोजन के लिए संगठन को बधाई दी। इस मौका पर सिरमौरी नाटी, भजनों ,व कविता पाठ का लोगों ने खुब आनन्द उठाया । इस अवसर पर 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर्ज नैनसिंह, रत्तन सिंह, शकुंतला, प्रेम सिंह निर्मोही, घणुराम, दुर्गासिंह, किशोरीलाल, चत्तर सिंह, अयोध्या अरोड़ा, जगतराम, गलुताराम व कृष्णा देवी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित सम्मानित किया गया।