सोलन जिला में किसान अपना मतलब निकल जाने के बाद अपने पशुओं को बेसहारा सड़कों पर छोड़ देते है। जिसकी वजह से कई तरह की दुर्घटनाएं भी हो जाती है। किसान अपने पशुओं को इस तरह से सड़कों पर न छोड़ें इसको लेकर प्रदेश सरकार ने कई तरह के कदम उठाए थे। यहाँ तक कि पशुओं के कानों में टैग भी लगाए गए थे। ताकि अगर कोई किसान अपने पशुओं को अगर सड़कों पर छोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाइ जाए। लेकिन यह योजना भी सफल होती दिखाई नहीं दे रही है क्योंकि किसान अपने पशुओं को सड़कों पर छोड़ने से पहले टैग निकाल लेते है।
अधिक जानकारी देते हुए पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डाक्टर विवेक लांबा ने बताया कि नालागढ़ बद्दी का वह क्षेत्र जहाँ आवारा पशु सड़कों पर दिखाई देते है उनके कानों पर हरियाणा पंजाब के टैग लगे हुए है जिस पर विभाग चाह कर भी कोई कदम नहीं उठा सकता क्योंकि ऐसा प्रावधान नहीं है कि वह दुसरे राज्यों के किसानों पर कोई कार्रवाई कर सके। वहीँ जो हिमाचल के किसान है वह अपने पशुओं से टैग निकाल देते है। जिसकी वजह से उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। वहीँ जो इक्का दुक्का मामले सामने आते है जिसमें पशुओं के टैग लगा होता है उन पर गाँव के प्रधान जुर्माना लगा सकते है लेकिन वह भी कार्रवाई से बचते है। जिस कारण यह योजना ज़्यादा कामयाब नहीं हो पाई है।