राजगढ़ शिक्षा खंड की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजगढ़ द्वारा अपना वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह विद्यालय परिसर में धूमधाम से मनाया गया । इस समारोह का शुभारंभ अनिल चौहान संयुक्त सचिव राजस्व विभाग द्वारा किया गया तथा राम शरण दास किशोरी लाल चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली के महासचिव चंद्र मोहन कक्कड़ विशिष्ट अतिथि के रूप में इस समारोह में उपस्थित रहे। यहाँ काबिले जिक्र है कि राम शरण किशोरी लाल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विद्यालय को 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है और इस राशि से विद्यालय में एक भवन बनाया गया है । इस मौका पर इस भवन का भी लोकार्पण किया गया । विद्यालय प्रधानाचार्य सुरेंद्र पुंडीर के अनुसार वार्षिक समारोह किसी भी विद्यालय की सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि रहती है जिसकी सभी अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को वर्ष भर प्रतीक्षा रहती है इस अवसर पर शैक्षणिक, खेलकूद प्रतियोगिताओं तथा अन्य गैर शैक्षणिक गतिविधियों में अपनी प्रतिभा के बल बूते पर अलग-अलग स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाता है कलस्टर स्तर पर आयोजित इस विद्यालय में न केवल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बल्कि प्रारंभिक विद्यालय के विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया । शैक्षणिक गतिविधियों में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में जहां प्रगति कुमारी, अदिति ठाकुर तथा मोनिका को क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने का सम्मान मिला वही दसवीं की बोर्ड परीक्षा में कनिका, गुंजन तथा ध्रुव ने प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान का इनाम प्राप्त किया इसके अतिरिक्त इस विद्यालय के दसवीं कक्षा के 6 मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया। खेलों में आदित्य तथा काव्य ठाकुर को राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए तथा उनके साथ दर्जनों राज्य स्तर के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया । सह शैक्षणिक गतिविधियों में भी दर्जनों विद्यार्थी सम्मानित हुए। विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक गतिविधियों से सभी का मन मोह लिया। कार्यकारी प्रधानाचार्य सुरेंद्र पुंडीर ने वार्षिक गतिविधियों का संपूर्ण विवरण वार्षिक प्रतिवेदन में प्रस्तुत किया । विद्यालय प्रबंधन समिति के युवा अध्यक्ष मनोज ठाकुर ने सभी का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि अनिल चौहान ने सीमित संसाधनों के वावजूद भी विद्यालय में सभी आधारभूत सुविधाओं को सृजित करने के लिए विद्यालय प्रशासन तथा विद्यालय प्रबंधन समिति की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने अपना तथा अपने एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकारी विद्यालय निजी विद्यालय से किसी भी स्तर में कम नहीं है यदि विद्यालय प्रशासन एवं विद्यालय प्रबंधन समिति तथा स्थानीय जनता विद्यालय में आधारभूत सुविधा सृजन करने तथा सरकार की शैक्षणिक नीतियों को व्यावहारिक रूप देने में शिक्षा विभाग का सक्रिय सहयोग करें