हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी ने भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह प्रचार कर रही है कि कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष के बेटे को चिट्टे के मामले में पकड़ने वाले तीन पुलिस कर्मचारियों का ट्रांसफर इसी वजह से किया गया है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था और ट्रांसफर का फैसला किसी साजिश का हिस्सा नहीं है।
मंत्री धर्माणी ने कहा कि जिन पुलिस कर्मचारियों ने चिट्टे के मामले में साहसिक कार्य किया है, उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए था, लेकिन उनका ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से पुलिसकर्मियों का मनोबल गिर सकता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इन पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर तुरंत रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना बेहद जरूरी है ताकि वे नशे के कारोबारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर सकें।
धर्माणी ने कहा कि नशा एक गंभीर समस्या बन चुकी है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस का सहयोग और उनका मनोबल ऊंचा होना जरूरी है। उन्होंने भाजपा पर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का भी आरोप लगाया और इसे जनता को गुमराह करने की कोशिश बताया।