भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मौजूदा सुक्खू सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह सरकार स्वयं तो अस्त-व्यस्त है ही, साथ ही हिमाचल प्रदेश की स्थिति को भी पूरी तरह से अव्यवस्थित कर चुकी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसे फैसले पहले कभी नहीं लिए गए, जिनसे जनता और विकास दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा हो।
ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों को उच्च न्यायालय द्वारा “सफेद हाथी” घोषित किया जाना मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मंशा पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इन होटलों को लीज पर देने की आड़ में अपने मित्र मंडली को फायदा पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने उच्च न्यायालय में पर्यटन विकास निगम का पक्ष मजबूती से नहीं रखा। यह सरकार की नीयत को दर्शाता है। प्रदेश की संपत्ति और धरोहर को इस तरह मित्र मंडली के हित में कुर्बान करना जनता के साथ अन्याय है।
गोविंद सिंह ठाकुर ने उच्च न्यायालय द्वारा सेवा निवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय लाभ प्रदान करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की अक्षमता के कारण प्रदेश की छवि देश और दुनिया में खराब हो रही है।
वहीं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट की अपफ्रंट मनी न जमा कर पाने के कारण हिमाचल भवन की कुर्की के उच्च न्यायालय के आदेशों पर सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार 64 करोड़ रुपये समय पर जमा क्यों नहीं कर पाई। उन्होंने इसे सरकार की निकम्मी कार्यशैली का नतीजा बताया और कहा कि जब सरकार अपने कर्तव्यों में असफल होती है, तब न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है। यह हिमाचल सरकार के लिए एक चेतावनी है।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि “हिमाचल के हालात श्रीलंका जैसे न हो जाएं। मौजूदा सरकार के फैसले प्रदेश को उसी दिशा में धकेल रहे हैं और यह सरकार शीघ्र अपने बोझ तले जाने वाली है।