टी.बी हारेगा देश जीतेगा कार्यक्रम के सौजन्य में टीफा परियोजना के तहत टी. बी रोग की पहचान में होने वाली देरी को कम करने के लिए खांसी निगरानी कार्यशाला का आयोजन नागरिक चिकित्सालय राजगढ़ में किया गया । जिला स्वास्थ्य अधिकारी सिरमौर निसार अहमद ने यहाँ मिडिया को जानकारी देते हुए बताया कि टीफा परियोजना है । इसका उदेश्य टी. बी के पहचान और निदान को मजबूत करना है , यह कार्यक्रम हमारे प्रदेश में भी यह प्रगति पर है और इसी कड़ी में आज राजगढ़ नागरिक चिकित्सालय में कार्यशाला आयोजित की जा रही है । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत लोगो की खांसी की निगरानी की जा रही है और डाटा संग्रहित किया जा रहा है , कार्यक्रम में निजी चिकित्सक , आयुष विभाग , दवा विक्रेता सभी की मुख्य भूमिका है । कार्यशाला में बताया गया कि आयुष विभाग , निजी चिकित्सको व दवा विक्रेता जो भी खांसी की दवा लिखते और देते है , उनका डाटा सभी के पास होना अनिवार्य है , यह डाटा एक एप के माध्यम से लोड किया जायगा और उसके बाद राज्य स्तर पर जायेगा वहां से यह डाटा जिला स्तर पर डी टी ओ को जायेगा । जिन्हें खांसी है उन सभी को फोन किया जायेगा और जिनकी खांसी 7 दिन के भीतर ठीक नही होती । उनके बलगम की जाँच की जायेगी । जांच में देखा जायेगा कि मरीज को टी. बी है या नहीं । उन्होंने सभी लोगो से खांसी होने पर चिकित्सक की सलाह से ही दवा लेने का आह्वान किया ।