प्राकृतिक आपदा के सवा साल बाद भी लोगो को सुविधा नही मिल पाई है।आज भी लोग अपने घरों के निर्माण के लिए सरकारी सहायता की राह देख रहे है।कई जगह पर लोग अपने असुरक्षित घरों के निर्माण के लिए मिलने वाली सहायता के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग में पैसे का दुरुप्रयोग हो रहा है।यह बात पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने घुमारवीं में आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
उन्होने कहा कि स्थानीय मंत्री अपने चहेतों को बिना रोकटोक के मनमाने रेटो पर टेंडर दे रहे है।ऐसे में लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।उपमंडल में सड़कों व रास्तों की हालत सही नही है।उन्होंने बताया कि लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली इसी बात से पता चलती है कि घुमारवीं लोक निर्माण के विश्राम गृह में जिसका उद्घाटन 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने किया था ,पर 2023-24 में उस भवन पर 72 लाख का खर्च हो चुका है।तीन वर्षों में 72 लाख की बड़ी राशि नए बने विश्राम गृह पर खर्च हो चुकी है।उन्होंने हैरानी जताई कि किसी नई बने भवन के लिए पेंट,रिपेयर,पर इतना बड़ा बजट पास किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोक निर्माण विश्राम गृह में लगाए एक बैड की लागत 42 हजार रुपये व एक गद्दे की कीमत 18 हजार की है।जो पैसा लोगो के घरों के लिए दिया जाना चाहिए था ,उस पैसे का दुरूपयोग आंखे मुंद कर चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुचने के लिए लुटाया जा रहा है।गर्ग ने कहा कि जब भाजपा समर्थित ठेकेदारों ने विरोध किया तो विभाग को टेंडर भी रद्द करने पड़े।जिससे यह बात सिद्ध होती है कि लोक निर्माण विभाग घुमारवीं में कार्य सही ढंग से नही हो रहे है और भ्रष्टाचार पनप रहा है।