गोपाष्टमी के पावन अवसर हरिऔम गौशाला गिरीपूल सनौरा में गौ महोत्सव का आयोजन किया गया । हरिओम गौशाला के संचालक कपिल ठाकुर व पुजारी पंडित भोला नाथ शर्मा ने बताया कि इसी दिन से भगवान श्री कृष्ण ने प्रथम बार वन वन जाकर गौ माता का चारण आरम्भ किया था और इसी दिन से गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है | वह कार्तिक मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथी का परम पावन दिन था जब भगवान श्री कृष्ण ने गौपालक बनकर वन में जाकर गौचारण आरम्भ किया था और भगवान् का नाम गौपाल भी पड़ा था | इसलिए हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ही गोपाष्टमी का का परम पावन त्यौहार हमारे भारत के सनातनी लोग मनाते है | उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है और और गौमाता में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। गौ माता के प्रति सभी सनातनियो के हृदय में प्रेम और भक्ती होनी चाहिए | गाय का पूजन करने से सभी तरह के सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। गोपाष्टमी पर्व गायों की सुरक्षा,संवर्धन और उनकी सेवा के संकल्प का ऐसा महापर्व जिसमें सम्पूर्ण सृष्टि को पोषण प्रदान करने वाली गाय माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु गाय-बछड़ों का पूजन किया जाता है। भोला नाथ शर्मा ने लोगो से आह्वान किया कि गौमाता को सड़को पर बेसहारा छोड़कर पाप के भागीदारी न बने | उन्होंने क्षेत्र के लोगो से अपने नजदीक की गौशालाओ में जाकर गौसेवा व् सहयोग करने का आह्वान भी किया । इस मौका पर गो पूजन गौ परिक्रमा व गौ आरती का आयोजन किया गया । इसके साथ साथ गौ शाला के लगभग दो दर्जन गौ सेवको को कंबल व वस्त्र वितरण भी किया गया ।