हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच शिमला में ऊर्जा और शहरी विकास की परियोजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। हिमाचल प्रदेश लगातार शानन प्रोजेक्ट को वापिस मांग रहा है क्योंकि इसकी 99 साल की लीज पूरी हो गई है, लेकिन ये प्रोजेक्ट अभी भी पंजाब सरकार के पास है। ऐसे में लीज की अवधि पूरी होने पर हिमाचल इस प्रोजेक्ट को वापस लेने की मांग कर रहा है। बता दें कि 200 करोड़ की आय देने वाला ये प्रोजेक्ट मंडी जिले के जोगिंदर नगर में स्थापित है।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि प्रदेश की ओर से जो विषय आए हैं, उन प चर्चा हुई है। बीबीएमबी और शानन में हिमाचल का जो विषय है, उस विषय में आगे बढ़े रहे हैं। शानन परियोजना को हिमाचल प्रदेश को वापिस देने पर उन्होंने कहा कि इस परियोजना को पचास साल हो गए हैं। पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के तहत जो हिस्सेदारी किसकी बनती है उसको मिले लेकिन पंजाब सर्वोच्च न्यायालय गया है। शानन प्रोजेक्ट में हम किसी की फेवर करने के पक्ष में नहीं है। जो न्यायपूर्ण होगा, उसे करेंगे। ग्रीन बोनस मामले में कितना लाभ मिलना चाहिए। इसमें सभी हिली एरिया के लिए नीति बनानी होगी। वाटर सेस मामले में कोर्ट ने मना किया है। अभी कोई राज्य नहीं ले रहा है। बाबजूद इसके कोर्ट का मामला अंतिम फैसला जो होगा सबको मान्य होगा।
वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सुन्नी, लुहरी, धौलासिद्ध और कूठेड़ा की विद्युत् परियोजनाओं में हिमाचल को निजी विद्युत् परियोजनाओं की तर्ज पर 12, 18 और 30 फ़ीसदी रॉयल्टी मिले साथ ही 40 साल के बाद ये प्रोजेक्ट हिमाचल को मिलें इसकी भी पैरवी की गई है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने 15 जनवरी तक निर्णय लेने का आश्वाशन दिया है। शानन परियोजना अब हिमाचल को मिलनी चाहिए। इसके लिए केन्द्र कोर्ट में एफीडेविट दे ताकि हिमाचल को ये प्रोजेक्ट मिल सकें।