तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने बिलासपुर जिला के घुमारवीं में तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया

Technical Education, Vocational and Industrial Training Minister Rajesh Dharmani inaugurated the three-day program at Ghumarwin in Bilaspur district.

हिमाचल प्रदेश सरकार के नगर शहरी आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने बुधवार को बिलासपुर जिला के घुमारवीं में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कला एवं रंगोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम 6 नवम्बर से 8 नवम्बर तक आयोजित हो रहा है, जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से लगभग 280 प्रतिभागी नृत्य, गायन, वादन, नाट्य कला, चित्रकला , पारंपरिक कहानियां, रंगोली , कार्ड मेकिंग , केलियोग्राफी , पेंटिंग , फिंगर और थम पेंटिंग, विजुअल आर्ट जैसी विभिन्न विधाओं में अपनी कला और प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

इस अवसर पर मंत्री राजेश धर्मानी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “2047 तक भारत को विकसित बनाने के सपने को साकार करने में स्कूलों और बच्चों की अहम भूमिका होगी।” उन्होंने कहा कि बच्चों को न केवल शैक्षिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी तैयार करना होगा। उन्होंने शिक्षा, खेल, संगीत, कला और संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इन विधाओं से बच्चों में सकारात्मक सोच और मानसिक शांति का विकास होता है, जो उन्हें भविष्य में देश के विकास में योगदान देने के लिए सक्षम बनाता है।

धर्मानी ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि “हमारे समाज में यह जरुरी है कि हम एक दूसरे की सहायता करें और साथ चलें। अगर हम बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देंगे, तो वे न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सफल होंगे, बल्कि वे पूरे देश को प्रगति की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।” उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि वे न केवल अपनी सफलता के लिए, बल्कि देश के भविष्य के निर्माण में भी अपनी जिम्मेदारी को निभाएं।

मंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल की समृद्ध संस्कृति और धरोहर के बारे में कहा कि “यह हमारे प्रदेश की पहचान है, और ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम इसे संजोए रखने और इसे युवा पीढ़ी में जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा कि हिमाचल की सांस्कृतिक विविधता और कलात्मक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए सरकार कार्य कर रही है।

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