राजगढ़ विकास खंड के गिरीनदी के पावन तट पर स्तिथ करोड़ गांव में मां भद्रकाली की मुर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजित धार्मिक महायज्ञ विशाल हवन यज्ञ के साथ संपन हो गया । काली मंठ फाऊंडेशन के सौजन्य से आयोजित इस भव्य इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह मे स्थानीय विधायक रीना कश्यप ने बतोर मुख्य अतिथि शिरकत की और दीप प्रज्वलित कर से इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पुण्य प्राप्त किया यह धार्मिक आयोजन काली मंठ के संस्थापक स्वामी शरभेश्वरा नंद भेरव के सानिध्य में संपन हुआ । जिसमे विदेश सहित देश भर के अलग अलग स्थानो से महानसंतो व श्रदालुओं ने अपनी उपस्थित दर्ज कराई । स्वामी शरभेश्वरा नंद भेरव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि माता भद्रकाली की मुर्ति के स्थापना के साथ यहां गणपति जी व भेरव जी की मुर्तियों की भी स्थापना की गई है । ये मूर्तियां विशेष रूप से जयपुर से लाई गई और मूर्तियों के लिए उसी पत्थर का प्रयोग किया गया जिस पत्थर की अयोध्या में राम जी की मूर्ति स्थापित हुई है। काली मठ फाऊडेशन के पीठाधीश्वर स्वामी शरभेश्वरा नंद भेरव की अध्यक्षता में पिछले चार दिनों से पूजा अनुष्ठान हवन तथा देवताओं के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन चल रहा था, जो आज विशाल हवन यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ संपन हो गया इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल ने वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं अर्पित की तथा विधायिका रीना कश्यप ने यज्ञ कुंड में पूर्ण आहुति डालकर प्राण प्रतिष्ठा के यज्ञ को संपूर्ण किया,रीना कश्यप ने यहा आए भक्तों को संबोधित करते हुए ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत शांति मिली है। एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है उन्होंने इस मौका पर उन्होंने 5 लाख की राशि भी अनुदान के रूप में अर्पित की तथा वादा किया कि वह समय-समय पर पूज्य गुरुदेव के दर्शन करने तथा मां भद्रकाली का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु आती रहेगी सभी सनातनी नियमों से चल रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की उन्होंने प्रशंसा की और कहा कि काली मठ की सड़क के सुधार के लिए भी धन उपलब्ध कराया जाएगा ताकि मंठ तक आने वाली सड़क अच्छी बन सके क्योंकि यहा मठ में देश के अलग अलग स्थानो से भक्तों आना जाना लगा रहता है
इस अवसर पर दक्षिण भारत से विशेष तौर पर स्वामी कानन, जयपुर से सोम चंद्रनाथ
इसके अलावा चंडीगढ़ से अंबाला से हरिद्वार से बनारस से तथा अन्य स्थान से संतों का आगमन हुआ काली मठ फाऊडेशन के पीठाधीश्वर स्वामी शरभेश्वरा नंद भेरव ने बताया कि यह मुख्य तौर पर एक साधना मठ है, इस मठ में माता भद्रकाली का विशाल मंदिर, गौशाला व गुरुकुल का निर्माण भी होगा। यह एक बहुत बड़ी परियोजना है । जिसमें अगले आने वाले वर्षों तक निर्माण होता रहेगा । और यह स्थान शुद्ध रूप से साधना करने के लिए साधकों का उपयुक्त स्थान होगा।