मस्जिद कमेटी के अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू करने पर पर प्रतिक्रिया देते हुए देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा है कि. न्यायालय ने अवैध हिस्से को हटाने का आदेश दिए है जिसका पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण हटाने को लेकर केवल लीपा-पोती की जा रही है. इस पर सभी की सजग नजर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कमेटी के पास अगर साधन की कमी है तो न्यायालय के समक्ष बात रखें. साथ ही संघर्ष समिति ने संजौली मस्जिद मामले पर उच्च न्यायालय के उन आदेशों का स्वागत किया है जिसमें न्यायालय ने आयुक्त अदालत को मामले का निपटारा 8 हफ्तों के भीतर करने के आदेश दिए हैं.
देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने कहा कि स्थानीय लोगों की ओर से संजौली में हुए अवैध निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दी गई. उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकारते हुए नगर निगम अदालत को 8 हफ्तों के भीतर मामले का निपटारा करने के आदेश दिए हैं. 14 वर्षों से मामला न्यायालय में लंबित है. उन्होंने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति दो विषयों को लेकर सड़कों पर उतरी थी. इसमें प्रदेश में हो रहे अतिक्रमण और अवैध निर्माण के साथ प्रदेश में आ रहे बाहरी लोगों के पंजीकरण का मुद्दा था जब तक दोनों मामलों पर प्रशासन संतोष कार्रवाई नहीं करता तब तक देवभूमि संघर्ष समिति संघर्षरत रहेगी. वहीं संजौली में शुरू हुए मस्जिद के अवैध को हटाने के काम पर देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा कि न्यायालय मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के आदेश दिए हैं ऐसे में अवैध हिस्से को हटाया जाना. चाहिए उन्होंने कहा कि. मस्जिद कमेटी के पास साधन का अभाव है तो न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखें. इस दौरान देव भूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने आरोप लगाया कि मस्जिद के वजह से को हटाने के काम में लीपापोती की जा रही है. केवल दिखाने के लिए काम शुरू किया गया छत से चार चादरें हटाई गई. उन्होंने कहा कि सब की दृष्टि इस पर सजग रूप से बनी हुई है
वहीं बीते दिनों शिमला के धामी इलाके से सामने आई फेरी वाले वाले के साथ दसलुकी के विडियो को लेकर देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा कि संघर्ष समिति ने पहले दिन से यह हमार उठाई है कि प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों का पंजीकरण हो और उसका आंकड़ा जारी किया जाए. बीते दिनों धामी इलाके में ग्रामीणों ने बाहर से आने वाले व्यक्ति को रोका और पहचान पत्र दिखाने की बात कही व्यक्ति के पास कोई दस्तावेज नहीं था ऐसे में जहां प्रशासन को ग्रामीणों का सा देना चाहिए था मगर शिमला पुलिस अधीक्षक और शिमला पुलिस ने इसके विपरीत चलते हुए ग्रामीणों को रोका और उन्हें थाने पर बुलाकर पूछताछ की. भरत भूषण ने कहा कि मारपीट करना उचित नहीं है मगर जो पूछताछ ग्रामीणों ने व्यक्ति से कि वह भी जायज है.
वहीं इस दौरान देवभूमि संघर्ष समिति के सहसंयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि देशभर में एक नरेटिक सेट किया जा रहा है जिसमें हिंदू देवी देवताओं का अपमान होता है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 2017 से एक चैनल चल रहा है जो खुलकर हिंदू देवी देवताओं का अपमान करता है उन्होंने कहा कि इसमें विशेष समुदाय के लोग हैं जो इस पेज को चलते हैं. मदन ने कहा कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की तो कन्हैयालाल का सर कलम कर दिया गया मगर अब वह मौलाना सामने नहीं आते हैं जब हिंदू देवी देवताओं का ऐसे अपमान किया जाता है. मदन आरोप लगाया है कि इसमें भारत के साथ-साथ बाहरी मुस्लिम देशों के लोग भी शामिल है.