वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मिली मंजूरी, हिमाचल के पर्यटन को लगेंगे पंख

Approval from Forest and Environment Ministry, Himachal's tourism will get wings

हिमाचल सहित सिरमौर जिला के लिए अच्छी खबर है। अब आदि बद्री पहुंचने के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा, बल्कि जल्द ही कम दूरी तय कर सिरमौर जिला से ही सरस्वती नदी के उद्गम स्थल तक पहंुचा जा सकेगा। आदि बद्री के लिए सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से फॉरेस्ट क्लीयरैंस मिल चुकी है। जल्द ही सड़क का निर्माण शुरू होगा और अब यहां से भी हिमाचल और हरियाणा आपस में सड़क सुविधा से जुड़ जाएंगे।
दरअसल हरियाणा के जिला यमुनानगर के अंतर्गत आने वाले सरस्वती नदी के उद्गम स्थल माने जाने वाले आदि बद्री के लिए वर्तमान में लोगों को वाया हरियाणा होकर जाना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय नाहन से वाया कालाअम्ब-सढ़ौरा होते हुए इस धार्मिक पवित्र स्थल के लिए करीब 70 किलोमीटर और वाया कोलर से हरियाणा होते हुए करीब 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, लेकिन हिमाचल की सीमा में बनने वाली इस सड़क के बाद यह दूरी घटकर 50 फीसदी से भी अधिक कम हो जाएगी। चूंकि हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर स्थित आदि बद्री में सरस्वती नदी को पुनजीर्वित करने के मकसद से डैम का निर्माण भी प्रस्तावित है। लिहाजा सड़क सुविधा मिलने के बाद हिमाचल के पर्यटन को भी पंख लगेंगे।
लोक निर्माण विभाग नाहन मंडल के एक्सिईएन आलोक जुनवेजा ने बताया कि भेड़ों से आदि बद्री के लिए हिमाचल की सीमा में 5 किलोमीटर नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसकी प्रिंसीपल अपू्रवल मिल चुकी है। वन विभाग को भी करीब 60 लाख की राषि जमा करवाई जा चुकी है। करीब 16 करोड़ की राषि सड़क निर्माण के लिए प्राप्त हुई है। प्रस्तावित डैम के लिए टूरिज्म की दृष्टि से यह सड़क बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी। जल्द ही टैंडर लगाकर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

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