इतिहास विरोधी है कसौली का खुशवंत सिंह लिटफेस्ट यह तंज भाजपा प्रवक्ता विवेक शर्मा ने कसा। उन्होंने कहा कि कुछ स्वयंभू बुद्धिजीवी, विचारक, शोधकर्ता, इतिहासकार, लेखक व राष्ट्रीय आलोचकों का जमावड़ा कई वर्षों से कसौली लग रहा है। इस लिट् फेस्ट को अगर राष्ट्र विरोधी इतिहास महोत्सव की उपमा दे दी जानी चाहिए। क्योंकि इस लिट फेस्ट में कुंठा ग्रसित स्वयंभूओ द्वारा राष्ट्र विरोधी विचार प्रस्तुत किए जाते हैं। जहाँ राष्ट्र को कोसने ,राष्ट्र की नीतियों पर आलोचना से लेकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर देश विरोधी चर्चाएं की जाती है। वास्तव में यह शराब पीने मौज मस्ती के ठिकाने पर राष्ट्र को कोसने और अभद्रता को परोसने का केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
रोष प्रकट करते हुए भाजपा प्रवक्ता विवेक शर्मा ने कथित बुद्धिजीवी दिवंगत की याद में एकत्रित होकर के अपने विचारों के अनुमोदन और संबोधन में भारत की अर्थव्यवस्था, भारत की अंतरराष्ट्रीय संधियाँ व नीतियों पर टिप्पणियां करते है। इन्हें किन राष्ट्र विरोधी ताकतों के इशारे पर आलोचना करने का अधिकार इनको प्राप्त हुआ है। कभी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विदेश नीतियां पर तो कभी वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय नीतियों पर टिप्पणी आखिर लिटरेचर फेस्टिवल के नाम पर किन देशद्रोही ताकतों के इशारे पर आलोचनाएं कर रहे है। विवेक ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम अपनी धरती का उपयोग अपने जेष्ठ व श्रेष्ठ नेताओं की आलोचना के लिए उपयोग नहीं होने देंगे। इसे रोकना प्रत्येक सरकार की जिम्मेवारी है