भानुपल्ली-बिलासपुर-बरमाणा रेल लाईन को लेकर प्रदेश सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही

State government is not giving its share regarding Bhanupalli-Bilaspur-Barmana railway line.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 राजीव बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार अनेक मामलो में विकास को रोकने के वजिद है जिससे हिमाचल प्रदेश की निरंतर हानि हो रही है। उन्होनें कहा कि सतीश कुमार, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेलवे बोर्ड, रेलवे मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को एक पत्र लिखा जिसके अनुसार जो रेल लाईन के विकास का काम हिमाचल में चल रहा है उन रेल लाईन्स के अंदर हुए समझौते के अनुसार हिमाचल सरकार को जो अपना शेयर देना है वो नहीं दिया है जिसके कारण रेलवे विकास का कार्य बाधित हो रहा है।
डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बरमाणा रेल लाईन में 75 प्रतिशत केन्द्र और 25 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश सरकार का है और इस रेल लाईन का कार्य तेज गति से चल रहा है परन्तु प्रदेश अपना हिस्सा नहीं दे रहा जिसके कारण समस्या खड़ी होने वाली है। प्रदेश हित में इसकी चिंता करने की नितांत आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि चंडीगढ़-बद्दी रेल लाईन पर काम चल रहा है परन्तु इस कार्य में भी प्रदेश का जो काॅस्ट शेयर बनता है उसमें भी प्रदेश देरी कर रहा है, नहीं दे रहा है।
डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि लगभग 1600 करोड़ रू0 जो प्रदेश का शेयर है वो मिलने से हिमाचल प्रदेश के अंदर रेलवे के विकास को पंख लगने वाले हैं और फिर यही रेल लाईन बिलासपुर से होते हुए लद्दाख तक जाएगी। पहली बार ऐसा मौका आया है जब अंग्रेजो के समय से बनी रेल लाईन के बाद मोदी जी के पिछले 10 वर्ष के कार्यकाल में रेल लाईन्स का काम तेज गति से आगे बढ़ा है। उन्होनें कहा कि आज इस बात की आवश्यकता है कि प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास को बाधित न करे।
डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि प्रदेश सरकार केवल और केवल केन्द्र सरकार को गाली देने में अपना समय व्यतीत कर रही है। केन्द्र से प्रदेश को जो विकास के लिए धनराशि मिलनी चाहिए वो लगातार दी जा रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि 700 करोड़ रू0 केन्द्र सरकार से सड़क निर्माण के लिए मिलने वाले हैं। यदि हम सर्वशिक्षा अभियान की बात करें, जल जीवन मिशन की बात करें, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बात करें, गरीबों को मिलने वाले पक्के मकानो की बात करे, मनरेगा की बात करें, फोरलने नेशनल हाईवे की बात करें, टनल निर्माण की बात करें, बाॅर्डर रोड़ आॅग्रेनाईजेशन के माध्यम से सड़कों के निर्माण की बात करें, हैल्थ मिशन की बात करें, टीबी कन्ट्रोल मैनेजमैंट की बात करें, ये सब राशियां केन्द्र सरकार से निरंतर मिल रही हैं। बार-बार यह कहना की केन्द्र सहयोग नहीं कर रहा है, सरासर झूठ है जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश सरकार चले हुए विकास कार्यों को बाधित करने का काम कर रही है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में इसी प्रकार का मामला सामने आया। 30 करोड़ रू0 जो फाॅरेस्ट क्लीयरंेस का जमा होना है, वो जमा नहीं किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पत्र में यह बात स्पष्ट रूप से लिखी गई है कि जो प्रदेश का हिस्सा बनता है उसे तुरंत दिया जाए ।