राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ राजगढ़ खंड द्वारा राजगढ़ में विजय दशमी उत्सव आयोजित शहर में किया गया पंथ संचलन

Rashtriya Swayamsevak Sevak Sangh Rajgarh section organized Vijay Dashami Utsav in Rajgarh and carried out cult movement in the city.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजगढ़ खंड द्वारा राजगढ़ में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर विजयी दशमी उत्सव का आयोजन किया गया । राजगढ़ के नेहरू मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहीद लांस नायक प्रवीण शर्मा के पिता राजेश शर्मा रहे ।इस मौका पर मुख्य वक्ता संघ के प्रांतीय प्रचारक संजय थे। सभी स्वयंसेवक नेहरू मैदान में एकत्रित हुए, वहां संघ की प्रतिज्ञा लेने के बाद मुख्य वक्ता संजय ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन पर विस्तार से जानकारी दी । बताया कि जिस प्रकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने किस तरह एक आर्दश व संस्कारी पुत्र ,भाई ,पति व राजा का जीवन जिया हमें उससे प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके आदर्शो पर चलने का प्रयास करना । चाहिए। उसके बाद उन्होंने विजयदशमी, शरद पूर्णिमा, बाल्मीकि जयंती, अहिल्याबाई होलकर व स्वामी दयानन्द की जीवन चरित्रों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्र ही विश्व गुरु बन सकता है, जिसके लोग शक्तिशाली हों, भारतवर्ष की विचारधारा ”वसुधेव कटुम्बकम” प्रारम्भ से रहा है। पहले शक्तिशाली लोग थे तो दुनिया ने भारत को विश्व गुरु स्वीकार किया। लेकिन बाद के वर्षों में सनातनी हिन्दू शक्तिशाली नहीं रहे, इसलिए देश गुलाम हो गया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक संघ राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समर्पित संगठन है। संघ पांच प्रणों सामाजिक समरसता, कुटम्ब प्रबोधन, नागरिक शिष्टाचार व पर्यावरण संरक्षण को आत्मसात करके आगे बढ़ने पर बल देता है। स्वाभिमानी और अनुशासित हिंदू समाज जितना संगठित होगा । हमारा देश उतना ही सबल होगा यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्य उद्देश्य है । उन्होंने माताओं का आवाहन किया कि वह बच्चों को अच्छे संस्कार डालें और उन्हें राष्ट्र भक्तों की जीवनियां सुनाएं ताकि समाज को अच्छे नागरिक मिल सके। इस अवसर पर खण्ड कार्यवाह विकल्प सहित बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। उसके बाद स्वयंसेवकों ने समूचे शहर की परिक्रमा करते हुए पथ संचलन किया।पथ संचलन राजगढ़ के नेहरू मैदान से आरंभ होकर सब्जी मंडी ,नया बस स्टैंड ,पुराना बस स्टैंड होते हुए शहर की परिक्रमा पूरी करके वापिस नेहरू मैदान वापिस पहुंची ।