बच्चों को स्कारलेट फीवर से बचाने के लिए जागरूक रहें परिजन

Parents should be aware to protect children from scarlet fever

मौसम में बदलाव के कारण बच्चे आज कल स्कारलेट फीवर की चपेट में आ रहे है। यह दावा सोलन के चिकित्सक जेपी बिष्ट ने किया। उन्होने बताया कि स्कारलेट फीवर बैक्टीरिया की वजह से होने वाला एक संक्रामक गले का रोग है.आमतौर पर 5-15 साल के बच्चों में होती है. इसे स्कारलेटिना भी कहा जाता है. स्कार्लेट ज्वर से पीड़ित व्यक्ति को शरीर पर चमकीले लाल, उभरे हुए दाने हो जाते हैं. ये दाने सैंडपेपर की तरह खुरदरे लगते हैं और खुजली भी हो सकती है. इसको लेकर बाल विशेषज्ञ जेपी बिष्ट ने परिजनों को अधिक जागरूक रहने की सलाह दी है और कहां है कि अगर परिजन थोड़े से जागरूक रहते हैं तो बच्चों को गंभीर रोगों से बचाया जा सकता है उन्होंने कहा की मौसम कभी ठंडा तो कभी गर्म हो रहा है जिस कारण बच्चे लगातार विभिन्न रोगों की चपेट में आ रहे हैं इसलिए उन्हें बदलते मौसम से बचाने की आवश्यकता है।

अधिक जानकारी देते हुए डॉक्टर जेपी बिष्ट ने बताया कि आजकल वायरल फीवर बहुत अधिक फैला हुआ है इस कारण बहुत से रोग बच्चों में फैल रहे हैं आजकल स्कारलेट फीवर बहुत अधिक फैल रहा है जिसके कारण बच्चों के गले में दर्द रह रहा है और उन्हें तेज बुखार हो रहा है और शरीर में जिसके कारण काफी दाने निकल रहे हैं जिस कारण बस से दिक्कतें बच्चों को झेलनी पड़ती है और अगर ऐसी कोई लक्षण बच्चों में पाए जाते हैं तो तुरंत उन्हें डॉक्टर के पास बुलाता चाहिए ताकि उसका सही समय पर इलाज हो