जिला के 144 स्कूलों में 282 लेक्चरर के पद पड़े है खाली क्या इसे कहते है? शिक्षा की गुणवत्ता ? : शैलेन्द्र गुप्ता
प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही कई सरकारी स्कूल बंद करने का निर्णय लिया था और यह कहा था कि इन स्कूलों का विलय अन्य स्कूलों में किया जाएगा ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके और अध्यापकों की कमी को दूर किया जा सके। लेकिन हद तो इस बात की है कि गुणवत्ता की दुहाई देने वाली सरकार के लाखों तले आज भी कई स्कूलों में अध्यापक नहीं है स्कूलों में मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है तो ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता में कैसे सुधार होगा यह उन्हें समझ नहीं आ रहा है। यह तंज भाजपा प्रवक्ता शैलेन्द्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर कसे।
शिक्षा की वर्तमान प्रणाली को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शैलेंद्र गुप्ता ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को बंद करवाया गया था ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। लेकिन विडंबना यह है कि जिला में 144 सीनियर सेकेंडरी स्कूल है जिसमें करीबन 282 अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय सोलन के बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पिछले 6 महीने से केमिस्ट्री का लेक्चरर नहीं है ऐसे में बच्चे कैसे शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे और कैसे कॉम्पिटिटिव एग्जाम में भाग लेंगे इस बारे में कोई भी सोच नहीं रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता की दुहाई देते समय शायद प्रदेश सरकार भूल गई है कि बिना शिक्षा की गुणवत्ता को सुधार नहीं जा सकता है। इसलिए वह तुरंत मांग करते हैं कि सभी स्कूलों में जल्द से जल्द अध्यापक के पद भरे जाएं ताकि विद्यार्थियों के विषय से कोई खिलवाड़ न हो .